नई दिल्ली । आने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) भी अपने उम्मीदवार (Candidates) खड़े करेगी। इस बारे में पार्टी के राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल (Rajya Sabha Member of Parliament Praful Patel) ने गुरुवार को बताया कि NCP 25 सालों से दिल्ली में चुनाव लड़ती आ रही है, और इस बार भी लड़ेगी। हालांकि उन्होंने सीटों की संख्या को लेकर कुछ नहीं कहा। साथ ही उन्होंने बताया कि वे दिल्ली चुनावों में एनडीए के साथ गठबंधन को लेकर बात जरूर करेंगे, लेकिन ना होने पर अकेले भी चुनाव लडेंगे।
पटेल ने कहा, ‘NCP पहले से ही चुनाव दिल्ली में लड़ते आ रही है, पिछले करीब 25 साल से हमने हर चुनाव में हिस्सा लिया है और हमारे विधायक भी पहले रह चुके हैं। आज दिल्ली में स्थिति ऐसी है कि लोग 15 साल के आम आदमी पार्टी के शासन से परेशान हैं। लोगों को लुटियंस दिल्ली देखकर खुशी नहीं होती, क्योंकि जो आम आदमी यहां रहता है, जिसके नाम से उन्होंने पार्टी बनाई है, उसकी क्या हालत है। आज मोहल्लों में जाइए, झुग्गी-झोपड़ियों में जाइए, कॉलोनियों में जाइए, बस्तियों में जाइए। लोगों की हालत बहुत खराब है और वहां पर कुछ भी काम नहीं हुआ है। इसलिए आज दिल्ली में लोग परिवर्तन चाहते हैं।’
कितनी सीटों पर चुनाव लड़ने को लेकर उन्होंने कहा, ‘एनसीपी एक सक्षम पार्टी है। हम ये नहीं कहते हैं कि हम सारी सीटों पर लड़ने वाले हैं, लेकिन जरूर कुछ सीटों पर लड़कर हम यहां पर हमारा खाता खोलेंगे और हमारा अच्छा प्रदर्शन होगा।’
दिल्ली चुनाव में भाजपा व एनडीए के साथ गठबंधन करने पर पटेल ने कहा, ‘देखिए हम बात जरूर करेंगे,एनडीए से भी बात करेंगे और अगर जमेगा तो उनसे गठबंधन करने की हमारी कोशिश रहेगी। लेकिन मंशा होते हुए भी हमारी पार्टी की तैयारी ज्यादा से ज्यादा सीटों पर रहेगी, कार्यकर्ता हमारे तैयार रहेंगे, ये काम हम लगातार करते आए हैं और करते रहेंगे।’
महाराष्ट्र की लाड़की बहन योजना की तर्ज पर दिल्ली में अरविंद केजरीवाल द्वारा महिलाओं के लिए सम्मान योजना राशि को लेकर उन्होंने कहा, ‘लाड़की बहन योजना जो हमने महाराष्ट्र में लाई, वह बहुत ही अच्छी योजना थी और हमारी महाराष्ट्र की करीब ढाई करोड़ बहनों को हमने पांच महीने का पैसा पूरा उनके खाते में जमा किया, और वह निश्चित ही महिलाओं को सक्षम करने के लिए दिया गया। वह महिलाओं को भेंट के रूप में नहीं दिया गया है। उससे महिलाओं का सम्मान होता है और वह उन्हें सक्षम बनाने के लिए उठाया गया कदम है। इसी वजह से उस योजना को सफलता मिली।’
संसद में चल रहे गतिरोध पर उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी ने इस लोकसभा के सत्र में और पिछले सत्र में भी बेबुनियादी मुद्दे उठाकर जिनसे लोगों को कोई मतलब नहीं है। आप बार-बार अडानी का मुद्दा उठाते हैं, आम जनता को अडानी के मुद्दे पर बताइए तो सही कि गलत क्या है। खाली अडानी बोलने से या और कोई आरोप लगाने से लोगों को वह बात अपील नहीं करती है। महाराष्ट्र चुनाव में उनके इन मुद्दों को लोगों ने रिजेक्ट कर दिया है।’
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