इंदौर। कांग्रेस के प्रदेश के नेताओं ने संगठन को मजबूत करने के लक्ष्य पर काम शुरू किया है। इसके लिए प्रदेश कांग्रेस ने एक रोडमैप बनाकर जिलाध्यक्षों को दिया है, जिसके माध्यम से संगठन को नए सिरे से खड़ा करना है। अध्यक्षों को ग्राउंड जीरो पर जाकर काम करने के लिए कहा गया है, जिसमें बूथ प्रभारियों की नियुक्ति की जाएगी। इसके बाद वार्ड और विधानसभा क्षेत्रों के प्रभारी बनाए जाएंगे। सबकुछ होने के बाद शहर कांग्रेस की कार्यकारिणी गठित की जाएगी। आज से इंदौर में इसकी शुरुआत की जा रही है।
प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और प्रभारी भंवर जितेंद्रसिंह ने पहले ही सभी जिलों में पीसीसी से प्रभारी बनाकर भेज दिए हैं, जिनमें इंदौर में अवनीश भार्गव और ग्रामीण क्षेत्र में गजेंद्र सिसौदिया जैसे नेता संगठन का खाका ग्राउंड जीरो से तैयार करने में लगे हैं। आज गांधी भवन में शहरी क्षेत्र की सभी विधानसभाओं की बैठक एक के बाद एक रखी गई है। इसमें उस क्षेत्र के सभी वरिष्ठजनों को बुलाया गया है। उनसे चर्चा करके नए निर्देश की जानकारी दी जाएगी और उस हिसाब से काम शुरू कर दिया जाएगा। शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीतसिंह चड्ढा का कहना है कि जैसे आदेश पीसीसी से मिले हैं, उसके आधार पर ही बैठक आयोजित की गई है। जहां के विधानसभा के कांग्रेस प्रत्याशी कांग्रेस छोड़ गए हैं, वहां दूसरे नेताओं को प्रभारी बनाया गया है। बैठक में बूथ लेवल पर किस तरह से कसावट की जाए और सभी 2600 बूथों पर प्रभारियों की नियुक्ति करने संबंधी चर्चा होगी।
51 लोगों की वार्ड कमेटी बनेगी
वार्ड स्तर पर 51 कार्यकर्ताओं की कमेटी बनाई जाएगी। इस कमेटी में आधी संख्या महिलाओं की रहेगी। वार्ड के प्रभारी जिला नेतृत्व की सहमति से इस कमेटी का गठन करेंगे।
भेजेंगे दूसरे क्षेत्र के प्रभारी
इस बार विधानसभा क्षेत्रों के प्रभारी भी बनाए जाएंगे, जो वार्ड की कमेटियों का संचालन करेंगे। इसके साथ ही मंडलम अध्यक्षों की नियुक्ति भी की जाएगी। सभी विधानसभा क्षेत्रों में प्रभारी बनाए जाएंगे, जो दूसरी विधानसभा के रहेंगे, ताकि वे निष्पक्ष काम कर सकें।
शहर कांग्रेस साल के अंत तक
इस पूरी प्रक्रिया में कम से कम 3 से 4 माह का समय लग सकता है। इसके बाद शहर कांग्रेस कार्यकारिणी घोषित की जाएगी। इसमें भी काम करने वालों को तवज्जो दी जाएगी।
मोर्चा-संगठन भी नए सिरे से गठित
भाजपा की तरह सभी जातियों और युवा, महिला, सेवादल जैसे संगठन कांग्रेस में हैं, पर इंदौर में कोई मोर्चा-संगठन सक्रिय नहीं है। सबसे ज्यादा युवक कांग्रेस की हालत खराब है। आपसी लड़ाई में युवक कांग्रेस की कार्यकारिणी भी ठंडी पड़ी हुई है। महिला अध्यक्ष बदलने के बाद कुछ काम मैदान में नजर नहीं आ रहा है। वहीं सेवादल का काम भी ठंडा पड़ा हुआ है। कांग्रेस में कहने को 27 प्रकोष्ठ हैं, लेकिन उनके अध्यक्ष पद लेकर घर बैठ गए हैं। सभी मोर्चा-संगठन और प्रकोष्ठ को भी भंग कर नए सिरे से गठित किया जाएगा।
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