किसी ने सही कहा है कि जीवन में, कुछ लोग साहसिक विकल्प चुनते हैं जो उन्हें असाधारण रास्तों की ओर ले जाते हैं। लेखक प्रदीप शर्मा, जिन्होंने पॉकेट एफएम के लिए ऑडियो सीरीज ‘द इम्मोर्टल वॉरियर’ लिखी है, वे भी किसी साहसी व्यक्ति से कम नहीं हैं, जिन्होंने अपने भविष्य की परवाह किए बिना, अपनी सामान्य 9 से 5 की कॉर्पोरेट नौकरी को छोड़कर अपने पैशन यानि लेखन की कला में आगे बढ़ने का चुनाव किया। उनकी जीवनी, संघर्ष और लेखन करियर के चुनाव पर हुई ख़ास बातचीत के कुछ प्रमुख अंश इस प्रकार हैं:
प्रश्न 1: क्या आप हमें अपनी पृष्ठभूमि के बारे में बता सकते हैं कि आपने लेखन के करियर में कैसे कदम रखा ?
उ1: मैं दिल्ली का रहने वाला हूं। अब 40 साल की उम्र में लेखन मेरे सबसे करीब चूँकि यह मेरा जुनून है। मैंने दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ाई की और कला स्नातक की डिग्री हासिल की। उसके बाद, मैंने कॉर्पोरेट जगत में कदम रखा और कोरल लैंग्वेज ट्रांसलेटर के रूप में विभिन्न शहरों में सात साल तक काम किया। लेकिन मेरा दिल लेखन में ही था, इसलिए मैंने लगभग पांच साल पहले इस क्षेत्र में कदम रखा। मैं COVID-19 महामारी शुरू होने के तक़रीबन एक साल बाद पॉकेट एफएम में शामिल हुआ और इस प्रमुख मंच के साथ यह मेरा पहला अनुभव था।
प्रश्न 2: आपको 32 साल की उम्र में अपनी कॉर्पोरेट नौकरी छोड़ने और लेखन के लिए आगे बढ़ने के लिए किस बात ने प्रेरित किया?
उ2: 32 साल की उम्र में अपनी कॉर्पोरेट नौकरी छोड़ना एक बहुत ख़ास एहसास से प्रेरित था। मैंने नौकरी के दौरान यह पाया कि यह पारंपरिक करियर मेरे जुनून और रूचि से बिल्कुल मेल नहीं खाता है। वहां काम करते हुए मैं अपने जूनून की ओर बढ़ने के लिए बहुत उत्सुक हो रहा था और फिर मैंने अपना निर्णय ले लिया और मुझे खुशी है कि मैंने विश्वास की वह छलांग लगाई।
प्रश्न 3: जब आपने अपना लेखन करियर शुरू किया तो आपको किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
उ3: पहला साल कठिनाइयों से भरा था। पारिवारिक खर्चों को संतुलित करना, एक विवाहित व्यक्ति के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करना और COVID-19 महामारी द्वारा लाई गई अनिश्चितताओं से निपटना ऐसी कई समस्याएं मेरे सामने थी। सबसे जरूरी बात तो ये कि मैंने अपने परिवार को यह नहीं बताया कि मैंने अपनी नौकरी छोड़ दी है, मैंने इसे ऐसे समझाया जैसे कंपनी ने मुझे जाने को कहा। आखिरकार, उन्हें मेरे इस फैसले के बारे में पता चला और उन्होंने इसके प्रति आश्चर्य, ख़ुशी और जिज्ञासा भी दिखाई।
प्रश्न 4: हमें अपनी ऑडियो सीरीज, ‘द इम्मोर्टल वॉरियर’ के बारे में बताएं। आपके दिमाग में इसका विचार कैसे आया?
उ4: ‘द इम्मोर्टल वॉरियर’ मेरी कल्पना से उत्पन्न हुआ, जिसमें मेरे अंतर्मुखी स्वभाव, बचपन के अनुभव, वास्तविक जीवन की घटनाओं और महाशक्तियों के स्पर्श के मिश्रण से एक मनोरम काल्पनिक कहानी बनाई गई।
प्रश्न5: आपके लेखन को क्या प्रेरित करता है और भाषाएँ आपकी कहानी कहने में कैसे भूमिका निभाती हैं?
उ5: मेरी प्रेरणा मुख्य रूप से मेरी यात्राओं, मेरी ज्वलंत कल्पना और दुनिया की खोज से मिले अनुभवों से आती है। मुझे लोगों से जुड़ने और नई जगहों की खोज करने में भी रचनात्मकता दिखती है। मेरी व्यावसायिक भाषा के रूप में हिंदी, अंग्रेजी के साथ-साथ पुर्तगाली भाषा में मेरी दक्षता ने मेरे क्षितिज को और भी बड़ा बना दिया है और मुझे इससे ज्यादा से ज्यादा दर्शकों तक पहुंचने में मदद मिली है, जिससे मेरी कहानी कहने की क्षमता समृद्ध हुई है।
प्रश्न7: अपनी रचनात्मक यात्रा शुरू करने वाले इच्छुक लेखकों के लिए आपकी क्या सलाह है?
उ7: मैं महत्वाकांक्षी लेखकों को सलाह दूंगा कि वे कॉन्टेंट को लेकर केवल दूसरों की किताबों और कल्पनाओं पर निर्भर न रहें। इसके बजाय, यात्रा के माध्यम से वास्तविक दुनिया का पता लगाएं, वास्तविक जीवन के अनुभवों, उससे मिले सबक को इकट्ठा करें और वास्तविक कथाओं से प्रेरित विषयों के बारे में लिखें। यह एक ऐसा दृष्टिकोण है जो मुझे अविश्वसनीय रूप से समृद्ध और प्रामाणिक लगता है।
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