महिदपुर। परूलेकर परिवार की परंपरा को कायम रखते श्मशान के बजाय चिकित्सालय को अपना अंतिम पड़ाव समझते हुए उसी पथ पर अग्रसर हुए प्रदीप परुलेकर के देहांत के बाद उज्जैन उनके नेत्रदान हुए। तत्पश्चात रविवार को उनकी पार्थिव देह आरडी गार्डी अस्पताल उज्जैन को सुपुर्द की गई। अंतत: प्रदीप सर के स्वजनों की अंतिम इच्छा पूरी होकर नेत्रदान-देहदान संपन्न हुआ। परिवार के दु:ख की घड़ी में उदारता पूर्वक लिए गए परोपकार के निर्णय की सर्वत्र बहुत प्रशंसा, अनुमोदना हो रही है।
देहदान प्रक्रिया पूर्ण करने में राजेंद्र कोठारी, नरेंद्र कोठारी का विशेष सहयोग रहा। अंतिम यात्रा से पूर्व उनके निवास पर ही श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ जिसमें जवाहर डोसी पीयूष, अरुण बुरड़, संजय जोशी एडवोकेट, आर सी मिश्रा, रणछोड़ त्रिवेदी, जंबू नवलखा आदि ने अपने विचार रखे और दिवंगत की शांति हेतु प्रभु से प्रार्थना कर शोक संवेदना व्यक्त की गई। संचालन विजय सारडा ने किया। मृतक की बागवानी में विशेष रूचि को दृष्टिगत रखते हुए हर वर्ष 24 जून को 500 पौधारोपण का संकल्प अतुल परूलेकर ने सबके समक्ष रखा। पार्थिव देह को पैदल चलकर नारायणा रोड चौराहे पर एंबुलेंस में रखवा कर रवाना किया गया।
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