सीहोर: सीहोर स्थित कुबेरेश्वर धाम (Kubereshwar Dham) के प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) हाल ही में एक और झटका लगा है. छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले (Mungeli district of Chhattisgarh) के लोरमी 2 अगस्त से 8 अगस्त तक पं. प्रदीप मिश्रा की कथा होनी थी, लेकिन अब वह कथा स्थगित कर दी गई है. कथा के लिए लोरमी में मंच और पंडाल बनकर तैयार हो गया था. बावजूद इसके प्रदीप मिश्रा कथा नहीं कर पाएंगे. इस खबर से आयोजक और लोरमी वे लोग निराश हैं, जो कई दिनों से प्रदीप मिश्रा की कथा का इंतजार कर रहे थे.
दरअसल, बारिश और हाथरस में हुई घटना को देखते हुए प्रशासन ने प्रदीप मिश्रा की कथा की लिए अनुमति नहीं दी है. आयोजक प्रशासन की सभी शर्तें मानने को भी तैयार हो गए हैं. फिर भी प्रशासन उन्हें अनुमति नहीं दे रहा है. प्रख्यात कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के कार्यक्रम को लेकर क्षेत्रवासियों में काफी उत्साह था. कथा कैंसिल होने की वजह से आयोजकों को लाखों का नुकसान उठाना पड़ सकता है.
इससे पहले हाथरस भगदड़ कांड के चलते कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने विदिशा में चल रही शिव पुराण कथा को बीच में ही कैंसिल कर दिया है. यह कथा 7 दिन चलना थी, लेकिन अब 4 दिन में ही खत्म कर दी गई. पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा में एक लाख से ज्यादा लोग शामिल हो रहे थे. प्रशासन का कहना था कि कथा कीचड़ और गंदगी से भरे पंडाल में चल रही थी. जिला प्रशासन ने कोई व्यवस्था नहीं की थी.
पिछले महीने में राधा रानी से घिरे पंडित प्रदीप मिश्रा ने मधुरा के बरसाना पहुंचकर राधारानी मंदिर में माफी मांगी थी. उन्होंने राधा रानी के सामने दंडवत प्रणाम किया और नाक रगड़कर माफी मांगी. यह विवाद प्रदीप मिश्रा की राधारानी पर की गई टिप्पणी को लेकर खड़ा हो गया था. इस टिप्पणी का वीडियो कुछ दिन पहले खूब वायरल हुआ था. जिसमें वे कह रहे थे कि राधा जी बरसाना की नहीं, रावल की रहने वाली थीं. बरसाना में तो राधा जी के पिता की कचहरी थी, जहां वह सालभर में एक बार आती थीं. वर्ष में एक बार जाने की वजह से बरसाना नाम पड़ा. राधा के पति का नाम अनय घोष था.
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