वॉशिंगटन (washington)। दुनिया का सबसे ताकतवर देश और सबसे बड़ी इकॉनमी अमेरिका (America) अपने इतिहास में पहली बार डिफॉल्ट (default) होने के कगार पर पहुंच गया है। डेट सीलिंग (debt ceiling) यानी कर्ज की सीमा को बढ़ाने को लेकर राष्ट्रपति जो बाइडेन (President Joe Biden) और संसद के बीच अब तक सहमति नहीं बन पाई है।
बता दें कि विश्व का शक्तिशाली देश अमेरिका इन दिनों कर्ज सीमा को बढ़ाने को लेकर विपक्ष के साथ उलझा हुआ है। अमेरिकी प्रशासन लोन लिमिट को बढ़ाना चाहता है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं के साथ लोन लिमिट बढ़ाने के संबंध में व्हाइट हाउस में आपातकालीन बैठक की, लेकिन इस बैठक का कोई नतीजा नहीं निकल सका। रिपब्लिकन कांग्रेस वार्ताकार लोन लिमिट बढ़ाने वाले प्रस्ताव पर सहमत नहीं हुए।
देश के बिलों का भुगतान जारी रखने के लिए उधार सीमा को बढ़ाने के लिए एक जून तक की समय सीमा तय है। यह 31 ट्रिलियन अमरीकी डालर है। रिपब्लिकन खर्च में भारी कटौती की मांग कर रहे हैं, जिसका डेमोक्रेट विरोध कर रहे हैं।
गौरतलब है कि बाइडन ने मौजूदा आर्थिक संकट से निपटने के लिए अपनी विदेश यात्रा में कटौती की थी। अमेरिका ने 19 जून को ही अपने कर्ज लेने की सीमा को पार कर दिया था। तब से यूएस ट्रेजर ने डिफॉल्ट से बचने के लिए कई कदम उठाए हैं लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ और अगर यही हालात बने रहे तो अमेरिका समय पर कर्ज न चुका पाने के कारण कुछ हफ्तों में डिफॉल्ट हो जाएगा।
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