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गर्मी में होने वाली है बिजली की किल्लत; देश के टॉप ग्रिड ऑपरेटर्स ने दी चेतावनी, होगा बुरा हाल

  • March 17, 2025

    नई दिल्ली । देश(Country) भर में तापमान का मीटर ऊपर(temperature meter up) जाने लगा है और फरवरी-मार्च में ही गर्मी रिकॉर्ड(heat record) तोड़ रही है। ऐसे में अगर आप भी अभी से पंखे, कूलर और एसी का सहारा (Support of fans, coolers and ACs)ले रहे हैं तो आप बड़ी मुश्किल(big trouble) में पड़ सकते हैं। जी हां, आने वाले दिनों में पूरे देश में गर्मी चरम पर होगी। हालांकि इसके साथ ही एक और बड़ी मुसीबत दस्तक दे सकती है, वह है पावर कट। भारत के टॉप ग्रिड ऑपरेटर ने गर्मी के मौसम में देश भर में होने वाले पावर कट को लेकर बड़ी चेतावनी जारी की है। इसके मुताबिक मई और जून में भारी मांग के बीच बिजली की भयंकर किल्लत हो सकती है और इस दौरान पावर कट का रिस्क सबसे ज्यादा होगा।

    नेशनल लोड डिस्पैच सेंटर (NLDC) ने बिजली की आपूर्ति और इसकी खपत को लेकर हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है। इसके मुताबिक मई-जून में देश में बिजली की मांग 15 से 20 गीगावाट (GW) तक पहुंच सकती है। NLDC के मुताबिक मई में यह डिमांड सबसे ज्यादा होगी और इस मांग को पूरा करना बेहद मुश्किल होगा।

    NLDC ने क्या बताया?

    एक अनुमान के मुताबिक लगभग एक-तिहाई संभावना है कि मई में औसत आपूर्ति नहीं की जा सकेगी। वहीं जून में बिजली की पूरी आपूर्ति ना हो पाने की 20 फिसदी संभावना है। रिपोर्ट में कहा गया है, “अक्सर मई और जुलाई में मांग पूरी नहीं हो पाती है। मांग और आपूर्ति के बीच 15 गीगावाट से अधिक का अंतर हो जाता है। मई, जून, जुलाई और अगस्त 2025 में गैर-सौर घंटों के दौरान कमी होने की अधिक संभावना है।”

    रिन्यूएबल एनर्जी पर जोर

    NDLC के मुताबिक इस साल गर्मियों में अधिकतम मांग 270 गीगावाट रहने का अनुमान है। वहीं पिछले साल 250 गीगावाट बिजली की मांग थी। एनएलडीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में रिन्यूएबल एनर्जी के माध्यमों को जल्द से जल्द इंस्टॉल करने की जरूरत है। वहीं मांग-पक्ष में कुछ उपाय, जैसे लोड शिफ्टिंग रणनीति मदद कर सकते हैं।

    संयंत्रों की क्षमता पर बात

    NDLC ने इसे लेकर कोयला आधारित संयंत्रों की क्षमता बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 के तहत इमरजेंसी पावर को लागू करने का भी सुझाव दिया है। गौरतलब है कि भारत की बेसलोड बिजली क्षमता में कोयला आधारित संयंत्रों का प्रभुत्व है। पिछले कुछ सालों में इन संयंत्रों की क्षमता स्थिर रही है, जिससे यह बढ़ती मांग को पूरा नहीं कर पा रही है। नतीजतन, ग्रिड कंट्रोलर ऑफ इंडिया लिमिटेड के तहत एनएलडीसी को इस साल मई और जून में बिजली की भारी कमी की आशंका है।

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