भोपाल। मानसून की बेरुखी अब अखरने लगी है। प्रदेश में बारिश का ग्राफ सामान्य से छह फीसदी नीचे पहुंच गया है। प्रदेश के 15 जिलों में सामान्य से काफी कम वर्षा दर्ज की गई है। उधर, बारिश नहीं होने से बांधों का जल स्तर लगातार घटता जा रहा है। इसका असर बिजली उत्पादन पर पड़ा है। एक तिहाई हाइड्रल से बिजली का उत्पादन बंद रखा गया है।
जानकारों का कहना है कि अभी हालात बेहतर है, लेकिन रबी सीजन के लिए मुश्किल होगी, क्योंकि उस वक्त प्रदेश में सबसे ज्यादा बिजली की जरूरत सिंचाई के लिए पड़ती है। गौरतलब है कि मप्र पॉवर जनरेशन कंपनी सात बांधों से बिजली का उत्पादन करती है। जल संसाधन विभाग की अनुमति से बिजली के लिए पानी छोड़ा जाता है। बांध के पानी का सबसे पहले उपयोग पीने के पानी के लिए होता है। उसके बाद कृषि और आखिर में बिजली का उत्पादन होता है। पिछले साल मानसून की मेहरबानी से बांधों में पानी का स्तर बेहतर रहा है। इस बार स्थिति बिल्कुल बदली हुई है।
230 मेगावाट हो रहा उत्पादन
मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी के प्रबंध संचालक मनजीत सिंह ने बताया कि फिलहाल हाइड्रल पॉवर प्लांट से 230 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। उनके अनुसार स्टेट लोड डिस्पेंच सेंटर की डिमांड के मुताबिक उत्पादन बढ़ता-घटता रहता है। हाइड्रल से 915 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है। इसमें पांच इकाइयां चल रही हैं, वहीं पांच फिलहाल बंद हैं।
बीना सौर उर्जा संयंत्र का वर्चुअल शुभारंभ 15 अगस्त के आसपास होगा
लंबे समय से बीना में तैयार सौर उर्जा संयंत्र के शुभारंभ की तैयारियां चल रही हैं। इस संयंत्र का शुभारंभ 15 अगस्त के आसपास होना है, जो वर्चुअल होगा। यह संयंत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व रेलमंत्री पीयूष गोयल द्वारा देश को समर्पित किया जाना है। हालांकि ऐन वक्त पर कुछ बदलाव हो सकते हैं। पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर जोन के रेल अधिकारियों ने बताया कि संयंत्र चालू हो चुका है। अलग-अलग चरणों में उसकी टेस्टिंग की जा रही है जो लगभग पूरी हो गई है। उधर, रेलवे बोर्ड के अधिकारियों की माने तो यह देश में रेलवे का संभवत: पहला सौर उर्जा संयंत्र है, इसलिए प्रधानमंत्री या फिर रेलमंत्री के हाथों देश को समर्पित किया जाना है। पूर्व में यह कार्यक्रम बीना में होना था लेकिन कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में वर्चुअल शुभारंभ की संभावना ज्यादा है।
एक तिहाई इकाई बंद
वर्तमान में एक तिहाई बिजली क्षमता लंबे समय के लिए बंद है। मप्र और राजस्थान के बीच स्थापित तीन विद्युत गृह गांधीसागर, राणाप्रताप सागर और जवाहर सागर विद्युत परियोजना पिछले वर्ष सितंबर 2019 में आई बाढ के बाद से सुधार के लिए बंद रखी गई हैं। तीनों विद्युत परियोजना की बिजली उत्पादन क्षमता 386 मेगावाट है। इसमें मप्र का 50 फीसद हिस्सा 193 मेगावाट है। सेवानिवृत्त अतिरिक्त मुख्य अभियंता राजेंद्र अग्रवाल ने बताया कि अगले दिसंबर 2020 तक इन इकाईयों से उत्पादन की संभावना नहीं है। वहीं बाण सागर विद्युत क्रमांक एक के टोंस की इकाई क्रमांक तीन जल विद्युत गृह की क्षमता 105 मेगावाट है। इसमें 17 जून 2020 से जनरेटर में खराबी की वजह से उत्पादन बंद है। लंबे समय से इकाईयां बंद होने से करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है।
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