वाशिंगटन। रूस (Russia) के लगातार जारी मिसाइल हमलों और गोलाबारी (Missile attacks and firepower) से यूक्रेन (Ukraine) के गांव, कस्बे और कुछ शहर बिजली के बिना अंधकार में डूब गए (Drowned in darkness without electricity) हैं। रूस ने ऊर्जा प्रतिष्ठानों पर ताबड़तोड़ हमले कर उनको पूरी तरह नष्ट कर दिया है, इसे देखते हुए यूक्रेन ने आज देशभर में बिजली की आपूर्ति (Power Supply) को बंद करने का फैसला किया है।
इससे पहले, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की (Ukrainian President Volodymyr Zelensky) ने बिजली और ऊर्जा उत्पादन पर चर्चा करने को लेकर वरिष्ठ ऊर्जा अधिकारियों से मुलाकात की। जेलेंस्की ने बताया कि यूक्रेन के 30 फीसदी बिजली स्टेशन रूसी हमलों से प्रभावित हैं, जिससे देश में ऊर्जा संकट पैदा हो गया है।
जेलेंस्की कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रूस ने बिजली उत्पादन की सुविधाओं को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है। इसलिए 20 अक्टूबर को पूरे यूक्रेन में बिजली आपूर्ति रोक दी जाएगी। आगे उन्होंने बताया कि यह एक उपाय है। बिजली सुबह 7 बजे से रात 11 बजे तक बंद रहेगी। उन्होंने कहा कि बिजली का उपयोग कम से कम करना आवश्यक है।
खेरसॉन पर कमजोर पड़ी रूसी पकड़
रूसी सेना ने जहां मंगलवार को खारकीव क्षेत्र के खो चुके कुछ क्षेत्रों पर दोबारा कब्जा करने का दावा किया वहीं बुधवार को रूस के हमला कमांडर ने कहा कि उनकी सेना को खेरसॉन में पकड़ कमजोर करने को लेकर कठोर फैसले का सामना करना पड़ सकता है।
उधर, रूस-ईरान गठजोड़ की निकटता का एक और संकेत दिखाई दिया, जिसमें तेहरान ने उससे खरीदे गए ड्रोन बेड़े के साथ आने वाली समस्याएं दूर करने के लिए अपने प्रशिक्षकों को मॉस्को भेजने का निर्णय लिया है। ईरान ने रूस को और ड्रोन सप्लाय करने का आश्वासन भी दिया है।
मॉस्को द्वारा हमले के लिए नियुक्त शीर्ष कमांडर जनरल सर्गेई सुरोविकिन ने यूक्रेन के चार कब्जे वाले जिलों से नागरिकों को निकालने की घोषणा के कुछ मिनट बाद स्वीकार किया कि खेरसॉन क्षेत्र में हालात कठिन हो गए हैं। यूक्रेनी सेना धीरे-धीरे खेरसॉन के राजधानी शहर की तरफ बढ़ रही है, जिसका मकसद रूसियों को नीप्रो नदी के पार खदेड़ना है।
उधर, क्षेत्रीय व्यवसाय प्रशासन के प्रमुख व्लादिमीर साल्दो ने कहा कि निवासियों को नीप्रो नदी के पश्चिम में चार जिलों से निकाला जाएगा। साल्दो को क्रेमलिन ने खेरसॉन क्षेत्र का गवर्नर नियुक्त किया है। रूसी सैन्य बल के प्रमुख जनरल सुरोविकिन ने भी स्वीकारा है कि रूसी सेना लोगों की निकासी में मदद करेगी।
उन्होंने मौन स्वीकृति के साथ माना कि खेरसॉन से पीछे हटना जरूरी हो सकता है। उधर, ईरान प्रशिक्षक क्रीमिया में एक रूसी सैन्य अड्डे पर काम कर रहे हैं। यहां रूस को यूक्रेन के खिलाफ हमले के लिए मिले ड्रोन रखे गए हैं। पेंटागन के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी सीआईए मिक मुलरॉय ने कहा कि यूक्रेन में ईरान ड्रोन और प्रशिक्षकों को भेजने की योजना बना चुका है। इससे आने वाले दिनों में यूक्रेनी शहरों पर ड्रोन हमले और भी भीषण हो सकते हैं।
रूस के ताबड़तोड़ हमलों से यूक्रेन में विद्युत संकट और गहराया
यूक्रेन के अधिकारियों ने बताया, कीव को झुकाने के लिए मॉस्को इसके ऊर्जा प्रतिष्ठानों पर ताबड़तोड़ हमले कर रहा है। एनरहोदर के मेयर दिमित्रो ओरलोव ने कहा कि शहर में बिजली और पानी के केंद्रों को निशाना बनाया गया है। क्षेत्रीय गवर्नर ने बताया कि यूक्रेन के दक्षिण-मध्य क्षेत्र में स्थित क्रीवयी रिह में एक बिजली संयंत्र मिसाइल हमलों से बुरी तरह नष्ट हो गया।
रूस ने अलास्का भेजे बमवर्षक जेट, अमेरिका ने खदेड़ा
यूक्रेन की लगातार मदद कर रहे अमेरिका को धमकाने के मकसद से रूस ने अमेरिकी प्रांत अलास्का की सीमा के पास अपने दो परमाणु बॉम्बर भेजे हैं। रूस की इस कार्रवाई के बाद अमेरिकी वायुसेना भी एफ-16 फाइटर जेट को दौड़ाया और रूसी टीयू-95 बॉम्बर को अमेरिकी हवाई क्षेत्र से दूर खदेड़ दिया। बताया जा रहा है कि रूस और अमेरिका के बीच यह उकसावे की कार्रवाई सोमवार को हुई। अलास्का की सीमा कनाडा से लगी हुई है।
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