मुंबई। कोयले की कमी (Coal Crisis) के कारण महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (Maharashtra State Electricity Distribution Company Limited) (MSEDCL) को बिजली आपूर्ति (power supply) करने वाले बिजली केंद्रों के कुल 13 यूनिट रविवार को बंद हो गए। इसके चलते राज्य में 3330 मेगावाट बिजली आपूर्ति ठप हो गई। आलम ये है कि उपभोगताओं से कम बिजली इस्तेमाल करने की अपील की जा रही है।
बिजली कम यूज करने की अपील
MSEDCL ने उपभोक्ताओं से डिमांड और सप्लाई को संतुलित करने के लिए सुबह 6 बजे से 10 बजे तक और शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक बिजली का कम उपयोग करने की अपील की है. चंद्रपुर, भुसावल और नासिक की 210-210 मेगावाट, पारस-250 मेगावाट और भुसावल और चंद्रपुर की 500 मेगावाट की इकाइयों को बंद कर दिया गया है. इसके अलावा पोस्टल गुजरात पावर लिमिटेड (गुजरात) के 640 मेगावाट के 4 और रतन इंडिया पावर लिमिटेड (अमरावती) के 810 मेगावाट के 3 सेट बंद हैं।
13.60 रुपये प्रति यूनिट के दर से खरीदी बिजली
वर्तमान में बिजली की डिमांड और सप्लाई के बीच 3330 मेगावाट के अंतर को भरने के लिए खुले बाजार से बिजली खरीदी जा रही है. देश भर में बिजली की मांग बढ़ने के कारण बिजली का खरीद मूल्य भी महंगा होता जा रहा है. खुले बाजार से 13.60 रुपये प्रति यूनिट की दर से 700 मेगावाट बिजली खरीदी जा रही है. रविवार सुबह रीयल टाइम ट्रांजेक्शन से 900 मेगावाट बिजली 6.23 रुपये प्रति यूनिट की दर से खरीदी गई. इसके अलावा, कोयना बांध के साथ-साथ अन्य छोटे जल विद्युत संयंत्रों और गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से बिजली प्रदान की जा रही है. राज्य में बढ़ते तापमान के कारण भी बिजली की मांग बढ़ गई है जबकि कोयले की कमी गहराती जा रही है।
बिजली संकट पर छिड़ा है सियासी संग्राम
शनिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखते हुए बताया था कि राजधानी में सिर्फ 1 दिन की बिजली आपूर्ति हो सके, सिर्फ इतना ही कोयला बचा है. हालांकि केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने रविवार को कोयला क्राइसिस की इन खबरों को सिरे से खारिज कर दिया. इसके बाद दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय मंत्री पर पलटवार करते हुए उनके दावे को गलत बताया. मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्रीय मंत्री के बयान से साफ दिख रहा है कि केंद्र सरकार अब बहाने ढूंढ़ रही है।
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