एक साल में तमाम रेल प्रोजेक्ट में दिखने लगी उल्लेखनीय गति
इंदौर। बीते सालों से मालवा-निमाड़ (Malwa-Nimar) के रेल प्रोजेक्टों (The railway projects) को राशि तो भरपूर मिल रही थी, लेकिन वो गति नहीं दिख (speed not visible) रही थी, जो दिखना चाहिए थी। अब स्थिति बदलती हुई दिख रही है। इंदौर (Indore) से जुड़ी रेल परियोजनाओं (Rail projects) में न केवल गति दिखने लगी है, बल्कि कुछ परियोजनाएं पूरी हो गई हैं। रेल अफसरों का दावा है कि अब यह सिलसिला लगातार चलेगा।
पिछले साल रेलवे बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष अनिलकुमार लाहोटी ने इंदौर आकर मालवा की रेल परियोजनाओं की समीक्षा की थी तो उनकी हालत पर गहरी चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक (जीएम) अशोककुमार मिश्र को निर्देश दिए थे कि एक समर्पित चीफ इंजीनियर की नियुक्ति इंदौर में करें, ताकि परियोजनाओं की गति बढ़ाई जा सके। उसके बाद मई-23 में इंदौर में चीफ इंजीनियर (निर्माण) धीरज कुमार को नियुक्त किया गया था। चीफ इंजीनियर द्वारा समय-समय पर इंदौर आकर काम की गति बढ़ाने और आ रहे अवरोधों पर लगातार प्रयास किए गए। इसका फायदा यह हुआ कि इंदौर में तैनात दो डिप्टी चीफ इंजीनियर ज्यादा सक्रिय हुए, बल्कि छोटी-छोटी अनुमतियों और समस्याओं का निराकरण यहीं होने लगा। मुंबई मुख्यालय पर निर्भरता कम होने से परियोजनाओं का काम आगे बढ़ा।
परियोजनाएं जो पूरी हो गईं
– उज्जैन-देवास-इंदौर रेल लाइन दोहरीकरण
– राऊ-महू रेल लाइन दोहरीकरण, फिलहाल दो परियोजनाएं चल रही हैं अंचल में
– इंदौर-खंडवा ब्रॉडगेज प्रोजेक्ट
– इंदौर-दाहोद नई रेल लाइन
– इंदौर रेलवे स्टेशन रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट
– लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन की नई बिल्डिंग और दो नए प्लेटफॉर्म का निर्माण
जीएम ने दिया 60 हजार का पुरस्कार
राऊ-महू रेल लाइन दोहरीकरण पूरा होने पर पश्चिम रेलवे के जीएम ने प्रोजेक्ट से जुड़ी टीम को 60 हजार रुपए का नकद पुरस्कार दिया। इसमें से 30 हजार रुपए निर्माण विभाग और 15-15 हजार रुपए रतलाम रेल मंडल और ट्रैक मशीन से जुड़े अफसरों-कर्मियों को दिए गए।
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