ग्वालियर: जलसाज अब ठगी करने के लिए आईपीएस अफसर के नाम का भी सहारा लेने लगे हैं. मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक बुजुर्ग के साथ फर्नीचर की डील के नाम पर 50 हजार रुपये की ठगी हुई है. खास बात यह है कि ठगी करने वाले ने छतरपुर एसपी अमित सांघी की फर्जी आईडी का इस्तेमाल किया. इस आईडी पर एयरफोर्स अधिकारी का इलेक्ट्रोनिक्स और फर्नीचर का सामान अर्जेंट सेल करने की बात लिखी थी. शहर के हरिशंकरपुम में रहने वाले 65 साल के बुजुर्ग राजेश मंगल ने क्राइम ब्रांच थाना में ठगी की FIR दर्ज कराई है. इसमें बताया कि उनके साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर IPS अमित सांघी (DIG/SP छतरपुर) के नाम से फेक आईडी बनाकर ठगी की गई है.
मंगल ने बताया कि 29 फरवरी को उन्होंने फेसबुक पर IPS अमित सांघी के नाम से बनी आईडी से एक पोस्ट देखी. पोस्ट में एयरफोर्स अधिकारी राजू दास का इलेक्ट्रोनिक्स और फर्नीचर का सामान 50 हजार रुपये में अर्जेट बेचने का जिक्र लिखा था. नीचे एयरफोर्स अधिकारी का मोबाइल नंबर संपर्क के लिए लिखा हुआ था. राजेश मंगल को सौदा फायदे का लगा तो उन्होंने तत्काल संपर्क किया. संपर्क करने के बाद एयरफोर्स अधिकारी बनकर बात करने वाले राजू दास ने वॉटसएप पर पूरे सामान के VIDEO और फोटोग्राफ्स भेजे.
ऐसे हुआ पूरा फर्जीवाड़ा
पीड़ित ने बताया कि बाहर होने की बात कहकर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करा डिलीवरी के लिए कहा. जब राजेश मंगल ने सामान पसंद आने पर मिलने की बात कही तो कथित एयरफोर्स अधिकारी राजू दास ने कहा कि वह आउट ऑफ स्टेशन है।.आपको सामान पसंद है तो ऑनलाइन पेमेंट कर दीजिए और वह एयरफोर्स की गाड़ी में सामान की डिलीवरी करा देंगे. क्योंकि पोस्ट SP छतरपुर अमित सांघी (IPS) के फेसबुक आईडी से शेयर की गई थी तो राजेश मंगल तैयार हो गए. उन्होंने 29 फरवरी दोपहर 12.26 बजे 20 हजार रुपये अपने SBI के अकाउंट से ट्रांजेक्शन कर दिए. इसके कुछ देर बाद 12.41 बजे 30 हजार रुपये और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर दिए गए. जब कथित एयरफोर्स अधिकारी राजू दास के बताए अकाउंट में 50 हजार रुपये पहुंच गए तो उन्होंने राजेश मंगल से कहा कि वह एयरफोर्स की गाड़ी और स्टाफ से सामान उनके निवास पर पहुंचा रहे हैं. साथ ही डिलीवरी बॉय का मोबाइल नंबर भी दिया.
इस नंबर पर उन्होंने संपर्क किया तो डिलीवरी बॉय ने बताया कि वह सामान लेकर बस निकल ही रहा है. कुछ देर बाद डिलीवरी बॉय के मोबाइल नंबर से कॉल आया. जिस पर डिलीवरी बॉय ने कहा कि यहां से समान निकालने के लिए GST कैंटीन के 21400 रुपये देने पड़ेंगे. यह रिफंडएवल होते हैं, जो वह सामान लेकर आएगा तो दे देगा. जब बार-बार रुपए मांगे जा रहे थे तो राजेश मंगल को कुछ संदेह हुआ. उन्होंने डिलीवरी बॉय से कहा कि उनको दाे घंटे का समय चाहिए रुपये का इंतजाम करने के लिए. इसके बाद वह क्राइम ब्रांच पहुंचे और मामले की शिकायत की. शिकायत करने के बाद फिर डिलीवरी बॉय के नंबर पर कॉल किया तो उसका कहना था कि यह रुपये देने होंगे तभी सामान उनके घर आ पाएगा. कुछ देर बाद फोन बंद कर लिया. एसएसपी ग्वालियर राजेश सिंह चंदेल ने बताया कि एक आईपीएस के नाम से फेक आईडी बनाकर युवक के साथ ठगी हुई है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
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