इंदौर। कोरोना मरीजों का पोस्टमार्टम (Post mortem) अब इंदौर में भी हो सकेगा। एमजीएम मेडिकल कॉलेज (MGM Medical College) को एथिकल कमेटी (Ethical Committee) से इसकी मंजूरी मिल गई है। आईसीएमआर की गाइडलाइन (Guidelines) के मुताबिक पोस्टमार्टम किया जा सकेगा।
एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित (Dr. Sanjay Dixit) ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि एथिकल कमेटी से पोस्टमार्टम (Post mortem) की मंजूरी मिल गई है। अभी एमवाय में जो नई मच्र्यूरी बन रही है उसी में अगले हफ्ते से ये पोस्टमार्टम शुरू किया जा सकेगा। उसी में डॉक्टरों की टीम रहेगी, जिसमें फोरेंसिंग, टीबी, चेस्ट, पैथोलॉजी व अन्य विशेषज्ञ शामिल रहेंगे। जिन मृत मरीजों के परिजन पोस्टमार्टम (Post mortem) की मंजूरी देंगे उनका पोस्टमार्टम किया जा सकेगा। पिछले कई दिनों से इसकी मांग भी की जा रही थी, ताकि यह पता लग सके कि कोरोना वायरस से किस तरह शरीर के अंगों में हानि होती है। पिछले दिनों भोपाल में इसी तरह की रिसर्च के चलते एक कोरोना की डेथ बॉडी की आईसीएमआर की मंजूरी के बाद पोस्टमार्टम किया गया था। दरअसल कोरोना वायरस के कई म्यूटेंट आ चुके हैं और हर एक के शरीर में यह अलग-अलग असर दिखाता है। अभी दूसरी लहर में कोरोना वायरस ने इंदौर सहित देशभर में कहर बरपाया और बड़ी संख्या में मौतें भी हुईं। वहीं युवा वर्ग भी इसकी चपेट में आया। अधिकांश मरीजों को ऑक्सीजन की आवश्यकता भी पड़ी, जबकि पहली लहर में बहुत कम मरीजों को ऑक्सीजन या वेंटिलेटर पर रखना पड़ा था। लेकिन इस बार ऑक्सीजन की कमी भी इसी कारण रही और मरीजों का लंबे समय तक इलाज भी चलता रहा। अभी भी कोरोना (Corona) से जो मौतें हो रही हैं उनमें ज्यादातर वे मरीज हैं, जिनका 30 से 40 दिनों से लगातार इलाज चल रहा था। इनमें वे मरीज ज्यादा हैं, जिनके फेफड़े बुरी तरह संक्रमित हो गए और 60-70 प्रतिशत से अधिक संक्रमित हो गए। वहीं कई मरीजों के दूसरे अंगों ने भी काम करना बंद कर दिया। किडनी, लिवर से लेकर हार्ट में भी वायरस ने असर डाला, जिसके चलते बड़ी संख्या में हार्ट अटैक से भी कोरोना मरीजों की मौत हुई। अब नया ब्लैक फंगस का खतरा चल ही रहा है, साथ ही तीसरी लहर का अंदेशा तो है ही। अभी देशभर में कोरोना मरीजों का पोस्टमार्टम नहीं हो रहा है। यहां तक कि सभी राज्य सरकारों ने 10 फीसदी भी मरने वालों में से कोरोना (Corona) को कारण नहीं माना है। यहां तक कि इंदौर नगर निगम ही मृत्यु प्रमाण-पत्र में कोरोना से मौत हुई यह लिखकर देने को तैयार नहीं है। अब मेडिकल कॉलेज आने वाले दिनों में जो पोस्टमार्टम (Post mortem) करेगा उससे नए खुलासे हो सकेंगे।
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