इस्लामाबाद (Islamabad)। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (Pakistan Cricket Board) के संभावित अगले अध्यक्ष जका अशरफ (Zaka Ashraf) ने पाकिस्तान और श्रीलंका (Pakistan and Sri Lanka) में सितंबर को होने वाले आगामी एशिया कप (asia cup) के लिए नजम सेठी (Najam Sethi’s) के ‘हाइब्रिड मॉडल’ ( ‘Hybrid Model’) को ठुकरा दिया है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष के रूप में वापसी करने के लिए तैयार जका अशरफ ने एशिया कप के ‘हाइब्रिड मॉडल’ को अन्याय करार देते हुए टूर्नामेंट को पूरी तरह से पाकिस्तान में आयोजित करने की इच्छा व्यक्त की है।
अशरफ ने इस्लामाबाद में बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ”पहली बात तो यह है कि मैं पहले भी एशिया कप के हाइब्रिड मॉडल को खारिज कर चुका हूं क्योंकि मैं इससे सहमत नहीं हूं। एशियाई क्रिकेट परिषद के बोर्ड ने फैसला किया था कि यह टूर्नामेंट पाकिस्तान में होगा तो यहीं होना चाहिए।”
अशरफ के इस बयान के बाद भारत में इस साल के आखिर में होने वाले वनडे विश्व कप में पाकिस्तान की भागीदारी भी खटाई में पड़ गई है। समझा जाता है कि पाकिस्तान के सहमति जताने के बाद पीछे हटने से बीसीसीआई भी कड़ा रूख अपना सकता है। एसीसी के कार्यकारी बोर्ड ने हाइब्रिड मॉडल को मंजूरी दी है। अशरफ अगर अपना रूख नहीं बदलते हैं तो एशिया कप पाकिस्तान के बिना ही खेला जा सकता है।
एसीसी बोर्ड के एक सदस्य ने कहा, ”एशिया कप मॉडल को एसीसी ने स्वीकार किया है और इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। अशरफ जो चाहे, वह कहने के लिए स्वतंत्र हैं।”
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के करीबी अशरफ का पीसीबी अध्यक्ष बनना तय है। चूंकि प्रधानमंत्री ही बोर्ड का मुख्य संरक्षक भी है और नियुक्तियां उनकी मर्जी से ही होती है। हाइब्रिड मॉडल को बीसीसीआई सचिव जय शाह की अध्यक्षता वाली एसीसी ने स्वीकार किया था। भारत ने साफ तौर पर कहा था कि वह पाकिस्तान खेलने नहीं जाएगा। सेठी के अध्यक्ष पद से हटते ही 48 घंटे में हालात बदल गए। सेठी ने कहा था कि वह आसिफ जरदारी और शाहबाज शरीफ के बीच मतभेद का कारण नहीं बनना चाहते और इसी वजह से अध्यक्ष पद की दौड़ से हट रहे हैं।
अशरफ ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि वह नहीं चाहते कि बेमानी मैच पाकिस्तान में कराये जायें। उन्होंने कहा, ”सभी मुख्य मैच पाकिस्तान से बाहर होंगे। नेपाल और भूटान जैसी टीमें पाकिस्तान में खेलेंगे जो गलत है। मुझे नहीं पता कि बोर्ड ने पहले किस पर मंजूरी दी। मैं देखता हूं कि इतने कम समय में क्या हो सकता है। हम वही करेंगे जो पाकिस्तान के लिए बेहतर हो।”
उन्होंने यह भी कहा कि विश्व कप का मसला अभी हल नहीं हुआ है जिसके मायने हैं कि कार्यक्रम जारी करने में अभी और विलंब होगा। उन्होंने कहा, ”पाकिस्तान के सामने चुनौतियां है। कई लंबित मसले हैं। एशिया कप है और फिर विश्व कप है। मैं किसी के खिलाफ नहीं बोलना चाहता क्योंकि अभी मैने पद नहीं संभाला है। पद संभालने के बाद देखते हैं कि क्या हालात है।”
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