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रूठे नेताओं को दिए जा रहे पद

November 14, 2022

भोपाल। मध्यप्रदेश में आगामी विधान सभा चुनाव मिशन 2023 की तैयारी में सत्ताधारी पार्टी भाजपा जुट गई है। पार्टी विधानसभा चुनाव के लिए हर वर्ग को साधने में जुट गई है, वहीं रूठे नेताओं और कार्यकर्ताओं को मनाने में जुट गई है। पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को बूथ मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। भाजपा का अपनी सीट के साथ ही हारी हुई विधानसभा सीट पर ज्यादा फोकस है। कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर जमीनी स्तर पर लोगों का विश्वास जीतने की तैयारी कर रही है। निर्वाचन विभाग के मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के साथ ही पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया है।
आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा ने जिलों में तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए जहां रूठों को मनाने के लिए पद दिए जा रहे हैं तो कार्यकर्ताओं को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप रही है। इसके साथ ही बूथ स्तर पर भाजपा खुद को मजबूत बनाने का काम कर रही है। स्पष्ट है कि पार्टी भारी बहुमत से जीत का लक्ष्य लेकर चल रही है। हाल ही में हिंदी भवन में हुई बैठक में नेताओं को मोर्चा का प्रभार और कार्यकर्ताओं को मतदाताओं से संपर्क कर सूची में नाम जुड़वाने का काम सौंपा गया है।
उधर, इस बार भाजपा अपनी सीट बचाने के साथ हारी हुई विधानसभा सीटों पर भी फोकस कर रही है। इसके लिए कांग्रेस का गढ़ कही जाने वाली उत्तर विधानसभा सीट पर सबसे अधिक जोर रहेगा। बता दें कि वर्ष 1977 से 2018 तक उत्तर विधानसभा सीट के लिए 10 बार चुनाव हुए हैं। इनमें सिर्फ एक बार 1993 में भाजपा से रमेश शर्मा ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। जबकि इस सीट से कांग्रेस विधायक आरिफ अकील लगातार पांच बार से एकतरफा जीत दर्ज कर रहे हैं। वे 1990 में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर भी जीते हैं।


पार्षदों के कंधे पर जिम्मेदारी
नगर निगम चुनाव में भाजपा ने भारी बहुमत से जीत हासिल की थी। लिहाजा, पार्टी के जीते हुए पार्षदों को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें उनके क्षेत्र में स्थानीय स्तर पर सामाजिक लोगों को पार्टी से जोड़कर रखने का दायित्व सौंपा गया है। बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूर्व में ही यह बोल चुके हैं कि नगर निगम चुनाव की जीत के बाद बैठना नहीं है, बल्कि ऐसा करके दिखाना है कि जनता विधानसभा चुनाव में शत-प्रतिशत मत पार्टी के पक्ष में दे। इसी को लेकर भाजपा ने तैयारी शुरू कर दी है। भाजपा जिलाध्यक्ष सुमित पचौरी का कहना है कि कार्यकर्ता प्रत्येक परिस्थिति के लिए तैयार हैं। भाजपा एक परिवार है, जिसमें सब एक सामान हैं। कोई किसी से रूठा नहीं है। सभी को वरिष्ठ नेतृत्व के निर्देश पर जिम्मेदारी दी जा रही हैं ताकि आगामी चुनावों में शत-प्रतिशत विजय हासिल हो। वहीं पार्षद पद के दावेदार रहे नेताओं को भी जिम्मेदारी दी गई है। जिले में किसान मोर्चा का प्रभारी अनिल पचौरी, सह प्रभारी लीलेंद्र मारण, पिछड़ा वर्ग मोर्चा का प्रभारी सतीश विश्वकर्मा, सह प्रभारी अर्जुन यादव, अनुसूचित जाति मोर्चा का प्रभारी शंकर मकोरिया, अल्पसंख्यक मोर्चा का प्रभारी संजय मिश्रा, सह प्रभारी पप्पू हसन और अनुसूचित जनजाति मोर्चा का प्रभारी बालिस्ता रावत को बनाया गया है। यह वही नेता है जिन्होंने नगर निगम चुनाव के दौरान किसी न किसी के माध्यम से पार्षद पद के लिए अपना नाम जिला नेतृत्व तक पहुंचाया था।

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