कोलकाता। शिक्षक भर्ती घोटाले (teacher recruitment scam) में गिरप्तार बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी(Minister Partha Chatterjee) की करीबी अर्पिता मुखर्जी के नाम 31 जीवन बीमा पॉलिसी का पता चला है। इतना ही नहीं सभी पॉलिसी के नामिनी पार्थ चटर्जी हैं। प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने अपनी जांच में इसका खुलासा किया है।
वहीं, ईडी की टीम जांच के सिलसिले में बुधवार को बीरभूम जिले के शांतिनिकेतन स्थित पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी के अपा नामक बंगले पर पहुंची थी। जमीन गीली होने के कारण संदेह होने पर बंगले के बगीचे की मिट्टी खोद कर तलाशी ली गई थी। बुधवार को सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एसवी राजू ने अदालत को बताया कि घोटाले में पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) के नाम से एक और कंपनी ‘अपा यूटिलिटीज सर्विसेस’ की जानकारी मिली है। इस संस्था के पास चार फ्लैट हैं। ये संयुक्त रूप से खरीदे गए थे।
अर्पिता मुखर्जी की एक फर्जी कंपनी के ठिकाने पर मैरिज हाल और अपार्टमेंट (Marriage Hall & Apartment) मिला है। साथ ही एक कंपनी का डायरेक्टर चपरासी है। ईडी ने दावा किया कि चटर्जी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। अर्पिता के फ्लैट से बरामद 22 मोबाइल और डिजिटल उपकरणों से कई जानकारी मिली हैं। माना जा रहा है कि इसके आधार पर पार्थ और अर्पिता से आमने-सामने पूछताछ की जा सकती है।
अर्पिता की दोस्त के फ्लैट का दरवाजा तोड़ घुसे ईडी अधिकारी
ईडी अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को कोलकाता के पंडितिया रोड़ पर एक फ्लैट का दरवाजा तोड़कर छापेमारी की। सूत्रों के मुताबिक यह फ्लैट अर्पिता की करीबी दोस्त का है। पहले नकली चाबी से दरवाजा खोलने की कोशिश की कई। आखिर में ईडी अधिकारी दरवाजा तोड़कर फ्लैट में घुसे। वहां कई घंटे छापेमारी की कार्रवाई चली। फ्लैट में नकदी और बेनामी जमीनों के कागज रखे होने के शक में छापेमारी की गई थी।
घोटालेबाज एक और मंत्री मंत्रिमंडल से बाहर
सीएम ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने कैबिनेट में फेरबदल कर परेश अधिकारी को बाहर का रास्ता दिखाया है। शिक्षक भर्ती घोटाले में अधिकारी पर अवैध तरीके से बेटी को सरकारी स्कूल में शिक्षक नियुक्त कराने का आरोप है।
बंगलूरू की कंपनी की 40 करोड़ की संपत्ति अटैच
प्रवर्तन निदेशालय ने बैंक धोखाधड़ी (bank fraud) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बंगलूरू की कंपनी कावेरी टेलीकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की 40.14 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अटैच की है। ईडी अधिकारियों ने बताया कि कंपनी के रिहायशी अपार्टमेंट, प्लॉट, कृषि भूमि और बैंक डिपॉजिट अटैच करने का अनंतिम आदेश जारी हुआ था। ईडी ने कंपनी व उसके प्रवर्तकों के खिलाफ सीबीआई की भ्रष्टाचार रोधी शाखा की जुलाई 2015 में दर्ज एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी। सीबीआई ने देना बैंक के तत्कालीन डीजीएम की शिकायत पर मामला दर्ज किया था।
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