इन्दौर। जल कर और सम्पत्ति कर के खातों में बार-बार आ रही गड़बडिय़ों के कारण अब निगम अफसर से लेकर बिल कलेक्टर तक परेशान हो चुके हैं। कई खातों में कहीं राशि जमा होने के बावजूद बकाया बताई जा रही है तो कई खातों में दोगुनी रकम जुडक़र आ रही है। सम्पत्ति कर 6 लाख खाते हैं, वहीं जल कर के ढाई लाख खाते हैं और यह सब ई-नगरपालिका पोर्टल पर अपलोड हैं और पोर्टल की गड़बड़ी के कारण ही सब कबाड़ा हो रहा है।
पिछले कई दिनों से झोनलों से लेकर निगम मुख्यालय तक जल कर और सम्पत्ति कर के करदाताओं की शिकायतें बढऩे लगी है और इसके पीछे यह कारण बताया जा रहा है कि कई लोगों के खातों में बार-बार इंट्रियां गड़बड़ हो रही है। पूर्व में निगम राजस्व विभाग की उपायुक्त लता अग्रवाल ने मामले की शिकायत भोपाल में पोर्टल के अधिकारियों को की थी तो कुछ अधकारियों की टीम यहां आकर सुधार कार्य करके गई थी।
उसके बाद यही स्थिति बन रही है। वर्तमान में कई झोनों पर राजस्व अधिकारियों और करदाताओं के बीच विवाद की स्थितियां बन रही है, क्योंकि उनके पास पुराने बिलों के आधार पर राशि कम बताई गई और अब बिलों में अनाप-शनाप राशि के बिल बता दिए गए। कई राजस्व अधिकारियों का कहना है कि पोर्टल पर हो रही गड़बडिय़ों के कारण लोग गुस्सा अफसरों पर उतार रहे हैं। शिकायतें बढऩे पर भोपाल के अधिकारियों ने इन्दौर में अधिकारी गुप्ता को पूरे मामले की पड़ताल करने के लिए भेजा है और वे भी पोर्टल पर हो रही गडबडिय़ों के मामले अफसरों के साथ बैठक कर समझ रहे हैं।
लोक अदालत में राशि जमा की, अब फिर बकाया बता दी
राजस्व विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारियों को विभिन्न वार्डों के लोगों के शिकायतें की हैं कि उन्होने कुछ दिनों पहले ही लोक अदालत में छूट का लाभ लेते हुए जल कर और सम्पत्ति कर की राशि जमा करा दी थी, मगर उसेक बावजूद उनके खातों में राशि बकाया बता दी गई है, जबकि उनके पास इसकी रसीदें हैं। अधिकारियों ने ऐसे मामलों में क्षेत्रीय राजस्व अधिकारियों को छानबीन करने को कहा है। कई खातों में पोर्टल पर राशि इतनी बढ़ा दी गई कि हजारों का टैक्स लाखों में पहुंच गया है।
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