नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट में शुक्रवार को ओल्ड राजेंद्र नगर हादसे को लेकर सुनावई हुई। इस सुनवाई में कोर्ट ने एमसीडी को फटकार लगाते हुए मामले की जांच CBI को सौंप दी है। सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने राजधानी की पूरी व्यवस्था और बढ़ती आबादी को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। हाई कोर्ट ने ये तक कह दिया है कि पूरी दिल्ली व्यवस्था की दोबारा जांच की जरूरत है। हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार के वकील से पूछा है कि कैबिनेट की बैठक कब होने की संभावना है। कोर्ट ने कहा कि इस तरह की अराजकता से हम निपट रहे हैं।
सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि दिल्ली की आबादी 3.3 करोड़ है और गिनती बढ़ती जा रही है। क्यों? क्योंकि दिल्ली में सब्सिडी है। हाई कोर्ट ने कहा कि यह बड़े नीतिगत फैसले हैं। हम जानते हैं कि दिल्ली कहां जा रही है। इन मुद्दों पर बात करने की जरूरत है। हाई कोर्ट ने कहा कि हम कोई आरोप नहीं लगा रहे हैं लेकिन हम देख रहे हैं कि जांच वैज्ञानिक तरीके से नहीं हो रही है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि हमें लगता है कि दिल्ली की पूरी व्यवस्था की दोबारा जांच की जरूरत है। दिल्ली सरकार, एमसीडी, डीडीए सब कुछ। ऐसा करने का प्राधिकारी कौन हो सकता है? सुझाव आया कि गृह मंत्रालय, डीडीए और अन्य लोग इस पर गौर कर सकते हैं। हमें बड़ी तस्वीर को देखने की जरूरत है। चूंकि दिल्ली शहर में कहीं अधिक बुनियादी समस्या है, भौतिक, वित्तीय और प्रशासनिक बुनियादी ढांचे सभी पुराने हो चुके हैं और वर्तमान दिल्ली की आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं हैं, 3 करोड़ से अधिक की आबादी के साथ, दिल्ली को अधिक आधुनिक भौतिक और प्रशासनिक बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है।
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