उज्जैन। चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवार आम जनता को बेवकूफ समझते हैं और झूठे वादे करके निकल जाते हैं और इस बार भी कई तरह का झूठ बोला जा रहा है। जनता कह रही है कि झूठे नेताओं ने पिछले 70 सालों में शहर की प्यास नहीं बुझाई तो विकास क्या करेंगे… शहर की आबादी साल दर साल बढ़ी है। पिछली जनगणना में यह आबादी सवा 5 लाख के लगभग थी। अब यह साढ़े 6 लाख के पार हो गई है। बावजूद इसके पीएचई के रिकार्ड में इतने समय बाद भी विधिवत नल कनेक्शन लेने वाले 60 हजार लोग ही हैं। जबकि शहर में डेढ़ लाख परिवार निवास कर रहे हैं और नगर निगम चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार भी हर घर पीएचई की लाईन पहुँचाने का दावा कर रहे हैं। कोरोना काल में नगर निगम वैसे ही निर्धारित लक्ष्य का संपत्तिकर पिछले साल से लेकर अब तक बराबर नहीं वसूल पाया है।
यही हाल नगर निगम की पीएचई के भी हैं। इस विभाग के उपभोक्ताओं पर करीब 3 करोड़ से ज्यादा की लेनदारी निकल रही है। इनमें 1 लाख से लेकर इससे अधिक राशि के बड़े बकायादार भी शामिल हैं। आर्थिक तंगी से जूझ रहे नगर निगम को बकाया राशि मिल सके इसके लिए पीएचई ने पिछले दिनों शिविर लगाकर वसूली अभियान चलाया था। इधर शहर की साढ़े 6 लाख की आबादी के बीच पीएचई के मात्र 60 हजार ही वेध कनेक्शन हैं, जिनके नाम और स्थान विभाग के रजिस्टर में दर्ज हैं। पिछले एक दशक से कई बार पीएचई ने अवैध नल कनेक्शन काटने तथा शहर के बढ़ते दायरे के मुताबिक नए उपभोक्ताओं के कनेक्शन वेध करने के लिए दावे तो किए गए लेकिन गंभीर होकर कभी इस काम को पूरा नहीं किया गया। हालत यह है कि 60 हजार रजिस्टर्ड उपभोक्ताओं से भी पीएचई पूरे साल में जलकर पूरा नहीं वसूल पा रही। कई सरकारी और निजी संस्थान ऐसे भी हैं जिनके पानी के बिल कई सालों से लंबित हैं और लाखों रुपए के हो गए हैं। इसके विपरित पीएचई में नियम भी है कि समय पर जलकर नहीं भरने वाले उपभोक्ताओं के वह हाथों हाथ कनेक्शन काटने की कार्रवाई भी की गई थी। बावजूद इसके अभी भी पीएचई का लगभग 3 करोड़ रुपया उलझा हुआ है।
इस बार भी घर घर नल कनेक्शन के दावे कर दिए, क्या पूरे होंगे ?
नगर निगम चुनाव में 54 वार्डों के लिए इस बार 179 पार्षद पद के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा महापौर पद पर भी 5 उम्मीदवार मैदान में है। प्रमुख पार्टियाँ अपने चुनावी घोषणा पत्र जारी कर चुकी है। निर्दलीय हो या अन्य दलों के उम्मीदवार वार्डों में प्रचार के दौरान हर कोई नागरिकों को घर-घर तक पीएचई की लाईन डालने के दावे कर रहे हैं लेकिन हकीकत यह है कि आगर रोड एमआर 5 की शारदा होम्स, खंडेलवाल नगर सहित कई कॉलोनियों में कानीपुरा में नई पानी की टंकी बन जाने के बाद भी पीएचई की लाईन अधिकारी नहीं डाल रहे हैं। कॉलोनियों के नागरिक इसके लिए आवेदन दे रहे हैं। इंदौर रोड और देवास रोड, मक्सी रोड की दर्जनों कॉलोनियों के अलावा करीब 65 हजार घरों तक अभी भी पीएचई का पानी नहीं पहुँच रहा है। शहर की आधी आबादी बोरिंग और कुओं के भरोसे चल रही है।
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