वेटिकन सिटी। पोप फ्रांसिस(Pope Francis) ने इस्राइल (Israel) और फलस्तीनियों (Palestinians) के बीच ‘अस्वीकार्य’ हिंसा (Violence) की कड़ी निंदा की और कहा कि खासतौर पर बच्चों की मौत ‘संकेत है कि वे भविष्य का निर्माण नहीं करना चाहते हैं बल्कि विध्वंस करना चाहते हैं। पोप फ्रांसिस(Pope Francis) ने सेंट पीटर स्क्वॉयर(St. Peter’s Square) की ओर खुलती खिड़की से आशीर्वाद देने के कार्यक्रम में शांति(Peace), संयम(moderation ) और वार्ता (dialogue) के रास्ते के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद की प्रार्थना (Prayer for international help) की।
उन्होंने कहा, ‘मैंने खुद से पूछा, इस नफरत और बदले से आखिर हमें क्या मिलेगा? क्या हम सच में मानते हैं कि हम अन्य को नष्ट कर शांति प्राप्त कर सकते हैं?’ पोप फ्रांसिस ने आगे कहा, ‘ईश्वर के नाम पर जिसने हम सभी इंसानों को बराबर हक, कर्तव्य और सम्मान के साथ बनाया और भाई की तरह रहने का निर्देश दिया, मैं अपील करता हूं कि इस हिंसा को जल्द से जल्द बंद किया जाए।’
इस्लामी नेताओं ने की आपातकालीन बैठक
गाजा की स्थिति को लेकर 57 सदस्यीय इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) की रविवार को आपातकालीन डिजिटल बैठक हुई ताकि गाजा पट्टी पर इस्राइल की सेना के हमले को रोका जा सके। सऊदी अरब के विदेश मंत्री शहजादा फैसल बिन फरहान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि गाजा के खिलाफ इस्राइल के सैन्य अभियान को खत्म करने की दिशा में काम किया जाए और तटीय क्षेत्र में सहायता पहुंचने दिया जाए।
पश्चिमी तट के रामल्ला से फलस्तीन के विदेश मंत्री रियाद मालकी ने इस्राइल को निशाने पर लेते हुए उसे ‘रंगभेदी देश’ करार दिया जो गाजा में हमारे लोगों के खिलाफ अपराध और क्रूरता कर रहा है। उन्होंने कहा कि सोमवार से शुरू हुई हिंसा में 10 हजार लोग विस्थापित हुए हैं। मालकी ने कहा, ‘फलस्तीनी लोगों के विरोध ने स्पष्ट कर दिया है कि यरूशलम ही लक्ष्मण रेखा है। इस्राइळ की हत्या मशीन से हमारे लोग नहीं थकेंगे।’
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