बहरीन. पोप फ्रांसिस (Pope Francis) ने रविवार को महिलाओं का खतना (female circumcision) किए जाने की प्रथा को ‘अपराध’ करार दिया और कहा कि समाज की भलाई के लिए महिलाओं के अधिकारों, समानता और अवसर की लड़ाई जारी रहनी चाहिए. पोप फ्रांसिस ने इस प्रथा का जिक्र करते हुए कहा कि ‘क्या आज हम दुनिया में युवतियों से जुड़ी इस त्रासदी को नहीं रोक सकते? यह भयावह है कि आज भी एक घृणित प्रथा है, जिसे मानवता रोक नहीं पा रही है. यह एक अपराध है. यह एक आपराधिक कृत्य है.’ पोप फ्रांसिस बहरीन (Bahrain) से वापस लौटते समय महिलाओं के अधिकार के बारे में एक सवाल का जवाब दे रहे थे.
उन्होंने कहा कि समाज की भलाई के लिए महिलाओं के अधिकारों, समानता और अवसर (equality and opportunity) की लड़ाई जारी रहनी चाहिए. उनसे पूछा गया था कि क्या उन्होंने ईरान में 22 वर्षीय महसा अमिनी की हिरासत में मौत के कारण हुए विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया, जिसे नैतिकता पुलिस ने महिलाओं के लिए देश के सख्त ड्रेस कोड का कथित रूप से उल्लंघन करने के बाद हिरासत में लिया था. इसका पोप फ्रांसिस ने सीधे तौर पर कोई जवाब नहीं दिया. लेकिन पोप फ्रांसिस इस बात की लंबे समय तक निंदा करते रहे कि दुनिया भर की कई संस्कृतियों (cultures) में महिलाओं को दूसरे दर्जे के नागरिक या इससे भी बदतर माना जाता है. पोप फ्रांसिस ने कहा कि ‘हमें इससे लड़ना जारी रखना होगा क्योंकि महिलाएं एक उपहार हैं.’ पोप ने कहा कि ‘भगवान ने पुरुष और महिला- दोनों को समान बनाया है.’
गौरतलब है कि चर्च में महिलाओं को निर्णायक भूमिकाएं (pivotal roles) देने के लिए फ्रांसिस ने किसी भी पोप से अधिक काम किया है. उन्होंने कई महिलाओं को प्रमुख पदों पर नियुक्त किया है, जिसमें वेटिकन सिटी राज्य प्रशासन के साथ-साथ कई अन्य बड़े पद भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि ‘मैंने वेटिकन में देखा है कि जब भी कोई महिला काम पर आती है तो चीजें सुधर जाती हैं.’ पोप फ्रांसिस ने कहा कि एक समाज जो सार्वजनिक जीवन से महिलाओं को गायब कर देता है, वह एक ऐसा समाज है जो गरीब हो जाता है.
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