वेटिकन सिटी (Vatican City) । ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मनेता (greatest Christian leader) पोप के वरिष्ठ सलाहकार चार्ल्स साईक्लूना (senior adviser Pope Charles Scicluna) ने कहा कि पादरियों को भी विवाह करने की अनुमति (Priests also allowed to marry) देनी चाहिए। ईसाई धर्म के बेहद संवेदनशील मसले को छेड़ते हुए उन्होंने कहा, शायद मैं पहली बार यह बात सार्वजनिक तौर पर कह रहा हूं, लेकिन इस बारे में रोमन कैथोलिक चर्च (Roman Catholic Church) को गंभीरता से सोचना चाहिए। मेरा यह कहना कुछ लोगों को स्वधर्मभ्रष्ट लग सकता है।
माल्टा में आर्चबिशप चार्ल्स वेटिकन के सिद्धांतविद् कार्यालय के सहायक सचिव भी हैं। वहीं, चर्च के पदाधिकारियों पर लगे बच्चों के यौन शोषण के आरोपों की जांच भी उन्होंने की थी। उनकी जांच से कई बड़े खुलासे हुए थे। इन पदों की वजह से उनके बयान को बेहद अहम माना जा रहा है। टाइम्स ऑफ माल्टा को दिए साक्षात्कार में चार्ल्स ने कहा कि पादरियों को प्रथम सहस्राब्दी में विवाह करने की अनुमति थी, यह तथ्य चर्च के इतिहास में दर्ज है।
आज भी कैथोलिक चर्च के पूर्वी रिवाजों में विवाह की अनुमति दी जाती है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा, अगर यह मेरे बस में होता तो उस जरूरत में संशोधन कर देता, जिसमें कहा जाता है कि पादरियों को ब्रह्मचर्य का पालन करना पड़ता है। कई अनुभव मुझे बताते हैं कि हमें इस मामले में गंभीरता से कुछ सोचने की जरूरत है। चर्च ने इसे लेकर कोई ताजा बयान फिलहाल जारी नहीं किया है।
पादरियों को भी हो सकता है प्रेम
करीब 64 साल के चार्ल्स साईक्लूना ने कहा, विवाह की वजह से चर्च ने कई अच्छे पादरी गंवा दिए। उन्होंने पादरी बनने के बजाय विवाह करने का निर्णय लिया। बेशक चर्च में ब्रह्मचर्य का अपना स्थान है, लेकिन यह भी विचार करना चाहिए कि कभी-कभी पादरी प्रेम में पड़ सकते हैं। चार्ल्स के अनुसार, ऐसा होने पर उन्हें पादरी बने रहने या अपनी प्रेमिका में से किसी एक को चुनना होता है। कुछ पादरी तो इससे बचने के लिए अपने भावनात्मक संबंधों को गुप्त रूप से बनाए रखते हैं।
सदियों पुरानी बहस
रोमन कैथोलिक पादरियों को विवाह करने दिया जाए या नहीं, यह सदियों पुरानी बहस है। कैथोलिक चर्च के पूर्वी रिवाजों में विवाहित व्यक्ति को पादरी बनने की अनुमति दी जाती है। पूर्वी रूढ़िवादी (ऑर्थोडॉक्स) चर्च में भी इसकी अनुमति है। यही नहीं प्रोटेस्टेंट और एंजलिकन चर्च भी विवाहित पादरियों को अनुमति देते हैं। वहीं विवाहितों को पादरी बनाने के विरोधियों का कहना है कि ब्रह्मचर्य की वजह से पादरी खुद को चर्च के प्रति पूरी तरह समर्पित कर पाते हैं।
पोप का रवैया कभी सख्त
साल 2021 में पोप ने कुछ विवाहित लोगों को अमेजन के दूरदराज क्षेत्रों में पादरी बनाने का प्रस्ताव रद्द कर दिया था। यह ऐसे क्षेत्र हैं, जहां ईसाई धर्म अपनाने वाले साल में बमुश्किल एक बार पादरी से मिल पाते हैं। यहां पादरियों की भारी कमी है।
2019 में पोप फ्रांसिस ने कहा था कि रोमन कैथोलिक चर्च पादरियों के लिए ब्रह्मचर्य की अनिवार्यता का नियम बदलेगा, इसकी कोई संभावना नहीं है। हालांकि यह भी कहा था कि ब्रह्मचर्य चर्च का औपचारिक सिद्धांत नहीं है। साल 2023 में पोप फ्रांसिस ने फिर कहा था कि पुरोहिताभिषेक की तरह ब्रह्मचर्य का नियम अनादिकाल के लिए नहीं है।
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