कपूरथला (पंजाब) । अब मेल और एक्सप्रेस ट्रेन (Express train) के एसी कोच (AC Coach) में गरीब तबका भी सफर का आनंद उठा सकेगा। रेलवे ट्रैक पर दौड़ने वाली तमाम ट्रेनों में एसी 3-टियर इकनॉमी (AC 3-Tier Economy) के डिब्बे जुड़ेंगे। आरसीएफ (रेल कोच फैक्टरी) को रेल मंत्रालय से मिले 248 डिब्बे बनाने के लक्ष्य में से विकट परिस्थितियों के बीच 15 कोचों की पहली रैक रवाना कर दी गई है। आरसीएफ के जीएम रवींद्र गुप्ता ने हरी झंडी दिखाकर नॉर्दर्न-वेस्टर्न रेलवे (NWR), नॉर्दर्न-सेंट्रल रेलवे (NCR) और वेस्टर्न रेलवे (WR) को ये रैक भेजे हैं।
जीएम रवींद्र गुप्ता ने बताया कि आरसीएफ ने भारतीय रेल (Indian Rail) के पहले 3-टियर एसी इकनॉमी क्लास कोच का मात्र तीन माह में निर्माण किया। जिसके बाद इसी वर्ष 10 फरवरी को रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इस लग्जरी खूबियों वाले किफायती एसी 3-टियर कोच के नए प्रोटोटाइप का अनावरण किया था। मार्च में इसके ट्रायल के सफल होने के बाद विधिवत निर्माण कार्य शुरू हुआ था। इन कोचों के डिजाइन में कई बदलाव किए गए हैं। प्रत्येक कोच में दिव्यांगों की सुगमता के हिसाब से शौचालय के दरवाजे तैयार किए गए हैं।
डिजाइन में यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कई सुधार किए हैं, जिनमें दोनों तरफ की सीटों पर फोल्डिंग टेबल और बॉटल होल्डर, मोबाइल फोन और मैगजीन होल्डर भी उपलब्ध कराए गए हैंहर बर्थ में पढ़ने वाली लाइट और मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट भी बने हैं। मिडिल और अपर बर्थ पर चढ़ने के लिए सीढ़ी का डिजाइन बदला गया है, ताकि यह देखने में भी सुंदर लगे और यात्रियों को असुविधा भी न हो। मौजूदा थर्ड एसी की 72 सीटों की तुलना में इन डिब्बों में 83 सीटें हैं।
उन्होंने कहा कि दुनिया का सबसे सस्ता और सबसे बेहतरीन एसी यात्रा प्रदान करने वाला एसी इकनॉमी क्लास कोच आरसीएफ की गौरवमयी यात्रा में एक सुनहरा पन्ना है। इससे रेल यातायात में कई बदलाव आएंगे, जिससे रेल यात्रा और भी सुगम और सुविधाजनक होगी।
उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के चलते सरकार से मिले दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए जहां 50 फीसदी स्टाफ से प्रोडक्शन का काम चलाना पड़ा। वहीं देश के अधिकतर हिस्सों में लॉकडाउन के कारण सामान की आपूर्ति न होने से आरसीएफ का उत्पादन काफी प्रभावित हुआ। इसके बावजूद आरसीएफ ने मई में 100 से अधिक डिब्बों का निर्माण किया।
248 कोच का लक्ष्य इसी वर्ष पूरा करेंगे
आरसीएफ के जीएम रवींद्र गुप्ता ने बताया कि हर कोच में 4 बाथरूम हैं, इनमें एक दिव्यांगों की सुविधानुसार बनाया गया है। एक कोच की कीमत 2.75 करोड़ है, जबकि पहले से ट्रेनों में लगे एसी 3-टियर कोच की कीमत 2.85 करोड़ है। इसका मतलब यह कतई नहीं है कि आम आदमी के लिए बनाए गए इन डिब्बों में सुविधाओं से समझौता किया गया है। बल्कि इसकी सुविधाएं एसी 3-टियर से ज्यादा हैं। उन्होंने दावा किया कि 248 कोच का लक्ष्य इसी वित्तीय वर्ष में पूरा कर लिया जाएगा।
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