मुम्बई। हुंडई मोटर इंडिया आईपीओ (Hyundai Motor India IPO) को रिटेल निवेशकों (Retail investors) की तरफ से बहुत अच्छा रिस्पॉन्स नहीं (Not good response) मिला है। तीसरे दिन इस कैटगरी में यह आईपीओ महज 50 प्रतिशत ही भरा। भारतीय बाजार (Indian market) में आए अबतक के 5 बड़े आईपीओ में यह सबसे खराब प्रदर्शन है। एक रिपोर्ट के अनुसार देश के दूसरे सबसे बड़े आईपीओ (Country, second largest IPO) एलआईसी को रिटेल कैटगरी में 1.61 गुना, पेटीएम और कोल इंडिया को क्रमशः 1.27 और 2.21 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था। बता दें, हुंडई का आईपीओ देश के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ था। दांव लगाने के वाले निवेशकों को अब लिस्टिंग का इंतजार है।
हुंडई आईपीओ से छोटे निवेशकों ने क्यों बनाई दूरी?
इस दिग्गज मोटर कंपनी के आईपीओ का साइज 27,870 करोड़ रुपये का था। आखिरी दिन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स के दांव की वजह से हुंडई मोटर का आईपीओ 2.37 गुना सब्सक्राइब किया गया। घटते जीएमपी और हाई वैल्यूएशन की वजह से रिटेल निवेशक हुंडई मोटर के आईपीओ से दूरी बनाते हुए दिखे। वहीं, ज्यादातर एक्सपर्ट्स लॉन्ग टर्म को ध्यान में रखकर निवेश करने की सलाह दे रहे थे। जिससे निवेशकों को कोई बड़ा फायदा तुरंत मिलते हुए नहीं दिखाई दे रहा था।
आईपीओ से जुटाए गया पैसा हुंडई की पैरेंट कंपनी के पास जाएगा। यह आईपीओ पूरी तरह से ऑफर फार सेल पर आधारित था। मौजूदा समय में हुंडई देश की दूसरी सबसे बड़ी कार बनाने वाली कंपनी है। हुंडई के पास मौजूदा समय में कुल 13 मॉडल्स हैं। कंपनी के पास चेन्नई में दो मैन्युफैक्चरिंग सेंटर हैं। जिनकी क्षमता मिलाकर सालाना 8.24 लाख यूनिट्स की है।
हुंडई की आर्थिक स्थिति कैसी?
जून तिमाही के दौरान कंपनी का रेवन्यू 17,344 करोड़ रुपये रहा था। एक साल पहले इसी तिमाही में कंपनी ने 16,624 करोड़ रुपये का रेवन्यू जनरेट किया था। कंपनी के पूरे रेवन्यू का 76 प्रतिशत घरेलू बाजार और 24 प्रतिशत एक्सपोर्ट से आता है। हुंडई की निगाह अरब देशों के बाजारों पर भी टिकी हुई है।
ग्रे मार्केट का क्या है हाल?
इनवेस्टर्स गेन की रिपोर्ट के अनुसार ग्रे मार्केट में कंपनी का आईपीओ आज (- 32) रुपये पर ट्रेड कर रहा है। जोकि निवेशकों के नजरिए से अच्छी बात नहीं कही जा सकती है।
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