उज्जैन। कल कार्तिक पूर्णिमा की रात शिप्रा तट पर अनोखा नजारा बन गया एवं पूरी शिप्रा का पानी दीपों से जगमगा उठा। इस दौरान लोगों ने पूजन भी किया। कोरोना के बाद लगभग पौने दो साल बाद कल शिप्रा में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लोगों ने आस्था की डुबकियाँ लगाईं। शाम तक करीब एक लाख लोग शिप्रा स्नान कर चुके थे। कार्तिक पूर्णिमा पर शिप्रा नदी में दीपदान का भी महत्व है। लोगों ने इसमें भी कोई कसर नहीं छोड़ी। कोरोना के सारे प्रतिबंध हटे तो दो साल बाद शाम के समय शिप्रा में दीप जगमगाने लगे। लोग देर रात तक यहाँ परिवार सहित पहुँचकर दीपदान करते रहे और दीपों की रोशनी में जगमगाती शिप्रा को निहारते रहे।
आम लोगों के साथ-साथ कल देश के चीफ जस्टिस ने भी महाकाल दर्शन के बाद शिप्रा में दीपदान किया था। आज सुबह शिप्रा के यही घाट चारों और निर्माल्य और बुझे दीयों से पटे नजर आए। सुबह 10 बजे तक यहाँ घाटों की सफाई शुरू नहीं हो पाई थी जबकि नगर निगम की सफाई गैंग को सुबह से ही यहाँ पहुँचकर गंदगी हटा देनी चाहिए थी।
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