जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले की एक 30 वर्षीय महिला पूजा देवी राज्य की पहली महिला बस ड्राइवर बन गई हैं। तीन बच्चों की मां पूजा देवी ने गुरुवार को पहली बार जम्मू-कठुआ मार्ग पर बस चलाई और कई अन्य महिलाओं के लिए मिसाल बनीं। इस दौरान उनका 7 वर्षीय बेटा भी बस में उनके साथ था।
पूजा ने पांच साल पहले शौकिया तौर पर ड्राइविंग सीखी थी और बाद में वह ड्राइविंग ट्रेनर बन गई लेकिन वह एक बड़ी गाड़ी चलाने का सपना देखा करती थीं। उनका यह सपना पूरा होते देर नहीं लगी, उन्हें जम्मू कश्मीर परिवहन विभाग में नौकरी मिल गई और 23 दिसंबर को पूजा ने पहली बार केंद्र शासित प्रदेश में महिला बस ड्राइवर के तौर पर बस चलाई।
कठुआ जिले के संधार-बसोहणी गांव में पली बढ़ी 30 साल की पूजा के लिए प्रोफेशनल तौर पर ड्राइविंग को अपनाना इतना आसान न था। उनके परिवार व ससुराल वाले इसके खिलाफ थे। वह बताती है कि शुरूआत में उनके पति भी ड्राइवर बनने के उनके फैसले के खिलाफ थे। दरअसल उनके पति ड्राइविंग को महिलाओं के लिए अच्छा पेशा नहीं मानते है। लेकिन पूजा देवी ने अपने पति को कहा कि वह अपने सपने को पूरा करना चाहती है। इस प्रकार तमाम बाधाओं को पार करते हुए और परिजनों के फैसले के खिलाफ जाकर पूजा देवी महिला बस ड्राइवर बनी हैं।
इस विषय में पूजा देवी बताती हैं कि, ‘बस ड्राइवर बनने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। लेकिन वह उस टैबू को तोड़ देना चाहती थी कि सिर्फ पुरुष ही यात्री बस ड्राइव कर सकते हैं। जब महिलाएं फाइटर प्लेन उड़ा सकती हैं, एक्सप्रेस ट्रेन चला रही हैं तो फिर बस क्यों नहीं चला सकती हैं। एक प्रोफेशनल ड्राइवर के तौर पर यात्री बस चलाकर पूजा खुशी से फूली नहीं समा रही हैं। हालांकि पूजा इस बात से दुखी हो जाती हैं कि वह गरीब परिवार से होने की वजह से ज्यादा पढ़-लिख नहीं पाई हैं। पूजा बताती है कि उन्होने अपन मामा राजिंदर सिंह से ट्रक ड्राइविंग सीखी थी। बाद में उन्होंने भारी वाहन चलाने के लिए आवेदन किया।
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