नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह प्रदूषण के मुद्दे पर गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने प्रदूषण के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई के लिए एयर क्वालिटी कमीशन का गठन किया है, लेकिन अभी तक कमीशन के चेयरपर्सन को न तो कार्यालय दिया गया है और कोई स्टाफ दिया गया है।
आतिशी ने केंद्र से अनुरोध किया कि कमीशन के चेयरपर्सन को शीघ्र कार्यालय और स्टाफ दिया जाए, ताकि वह अपना काम कर सकें, अन्यथा इस कमीशन के गठन का कोई औचित्य नहीं है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण एक बहुत बड़ी समस्या है। खासकर अक्टूबर, नवंबर के महीने में लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है। इसी कारण से इस कमेटी का गठन किया गया और इस कमेटी को कुछ शक्तियां भी दी गईं। अपनी शक्तियों के आधार पर यह कमेटी राज्य सरकारों के प्रदूषण नियंत्रण संस्थान को और केंद्र सरकार के प्रदूषण नियंत्रण संस्थान को निर्देश जारी कर सकती है।
उन्होंने कहा कि पिछले एक महीने से पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की वजह से प्रदूषण का स्तर इतना गंभीर हो गया था कि लोगों को सांस लेने तक में तकलीफ हो रही थी। परंतु पिछले चार-पांच दिनों से जब से पराली जलना बंद हुई है, वायु प्रदूषण का स्तर कम हुआ है। हमने इस कमेटी के समक्ष प्रस्ताव में इस बात को रखा है कि पंजाब और हरियाणा की सरकारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए कि आखिर क्यों वह अपने राज्यों में पराली को जलाने से नहीं रोक पाए? क्यों नहीं वह पूसा इंस्टीट्यूट द्वारा बनाए गए पराली को खाद में बदलने वाले पदार्थ का इस्तेमाल किसानों द्वारा करवाने में असफल रहे? जबकि यह पदार्थ मात्र 30 रुपये प्रति एकड़ के खर्च पर किया जा सकता है। (एजेंसी, हि.स.)
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