नई दिल्ली। बीते 22 दिनों से दिल्ली-एनसीआर(Delhi-NCR) के लोग वायु प्रदूषण (Delhi Air Pollution) की मार झेल रहे हैं. सोमवार के बाद से तेज हवाएं चलने से स्थिति में कुछ सुधार हुआ था और प्रदूषण का स्तर ‘बेहद खराब’ से ‘ख़राब’ श्रेणी में पहुंच गया था. हालांकि मंगलवार शाम को जैसे ही सर्दी (cold) बढ़ने के बाद हवाओं की गति धीमी हुई प्रदूषण का स्तर एक बार फिर बढ़ गया और ये ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच गया. ‘सफ़र’ के मुताबिक आज दिल्ली में थोड़ी राहत है और सुबह AQI घटकर 280 पर पहुंच गया है, हालांकि प्रदूषण (Air Pollution) का स्तर ‘ख़राब’ श्रेणी में बना हुआ है.
मंगलवार सुबह AQI 315 दर्ज किया गया था जो घटकर 290 हो गया था हालांकि शाम 4 बजे के बाद फिर स्थिति बदल गई. उधर दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण(Delhi-NCR Pollution) मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) एक बार फिर सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार के रवैये के प्रति नाराजगी जाहिर की थी.
हवाओं से मिली राहत
सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च System of Air Quality and Weather Forecasting and Research (SAFAR) के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में तेज हवा चलने से आज (मंगलवार) यानी 23 नवंबर को सुबह हवा की गुणवत्ता में मामूली सुधार आया और दृश्यता भी बेहतर हुई है. शहर में औसतन वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 315 दर्ज किए जाने के साथ ही, वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में ही है. गुरुग्राम में AQI 318 और फरीदाबाद में 326 रिकॉर्ड किया गया.
दिल्ली में निर्माण कार्यों पर हटी रोक
वायु गुणवत्ता में सुधार को देखते हुए दिल्ली सरकार ने निर्माण कार्यों से संबंधी गतिविधियों पर से रोक हटा रही है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को कहा कि सरकारी कर्मचारियों की वर्क फ्रॉम होम और स्कूलों को खोलने से संबंधित निर्णय 24 नवंबर को लिया जाएगा. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है. जबकि दिल्ली में 23 नवंबर को अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस के रहने की संभावना है. मौसम विभाग (IMD) के पूर्वानुमान के अनुसार, हवाओं की गति अच्छी रहने से प्रदूषण के स्तर में काफी कमी आने के साथ AQI 300 के नीचे भी पहुंच सकता है. IMD ने अगले दो-तीन दिन में हल्की धुंध रहने का पूर्वानुमान जताया है.
आज फिर सुनवाई
दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट एक बार फिर सुनवाई करेगा. इससे पहले पीछली सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एनवी रामना जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने बार-बार प्रदूषण को रोकने के प्रयासों को लेकर असंतोष जताया था. इस मामले से जुड़े सभी पक्ष जिम्मेदारी लेने के बजाय दूसरे पर जिम्मेदारी डालने की कोशिश कर रहे हैं. कोर्ट ने कहा था कि, “यहां 7 स्टार सुविधा में बैठे लोग किसानों पर जिम्मा डालना चाहते हैं. क्या उन्हें पता है कि औसत किसान की जमीन का आकार क्या है? क्या वह खर्च उठा सकते हैं?”
किसानों की मदद कौन करेगा- सुप्रीम कोर्ट
कोर्ट ने पिछली सुनवाई में कहा था कि, “पंजाब सरकार यह कह रही है कि उसने पराली जलाने वाले किसानों के खेत में पानी छिड़क कर उसे बुझा दिया. लेकिन किसानों की मदद कौन करेगा? उन्हें गेहूं बोने को खेत तैयार करने के लिए सिर्फ 15-20 दिन का समय मिलता है.” वहीं कोर्ट ने हरियाणा सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आप कह रहे हैं कि NCR में पड़ने वाले 4 जिलों में वर्क फ्रॉम होम का आदेश दिया गया है. क्या आप दावा कर सकते हैं कि अब वहां गाड़ियां नहीं चल रहीं? आपने लोगों को उनकी मर्जी से काम करने की छूट दे रखी है.
दिल्ली सरकार ने सड़क सफाई की कितनी मशीनें खरीदी हैं?
मामले में एक और बात करते हुए कोर्ट ने कहा कि फिलहाल कोई आदेश जारी करने का मतलब यह नहीं है कि कोर्ट मामले पर गंभीर नहीं है. केंद्र और राज्यों के ठोस कदम उठाने की हमें उम्मीद है. दिल्ली सरकार को भी लपेटे में लेते हुए कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार ने सड़क सफाई की कितनी मशीनें खरीदी हैं? अगर 15 मशीन खरीद भी ली गई तो क्या उनसे 1000 किमी सड़क साफ हो जाएगी.
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