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    Pollution: गाजियाबाद व नोएडा के बाद गोरखपुर की आबोहवा सबसे ज्यादा खराब, AQI आंकड़ों ने बढ़ाई चिंता

  • November 19, 2021

    गोरखपुर । गोरखपुर (Gorakhpur) की आबोहवा और ज्यादा प्रदूषित (climate more polluted) हो गई है। बुधवार को जो एयर क्वालिटी इंडेक्स (air quality index) (एक्यूआई) 296 था, वह गुरुवार को बढ़कर 311 हो गया है। इसका मतलब है कि 24 घंटे में ही एक्यूआई 15 बढ़ गया है। खराब आबोहवा (climate polluted) के मामले में गोरखपुर यूपी में तीसरे स्थान (3rd place in UP) पर है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने गुरुवार को एक्यूआई का जो आंकड़ा जारी किया है, वह चिंता बढ़ाने वाला है।

    गाजियाबाद और नोएडा के बाद यूपी में सबसे खराब आबोहवा गोरखपुर की है। वायुमंडल के ऊपरी सतह पर धुंध छाई है। हर तरफ धूल के कण हैं। इससे शहरवासियों का दम फूल रहा है। दीवाली के बाद से हवा की गुणवत्ता जो खराब हुई है, वह अब तक नहीं सुधरी है। हवा में नमी की मात्रा बढ़ने और ऊपरी वायुमंडल में हवा की रफ्तार इतनी कम है कि गोरखपुर के ऊपरी हिस्से में प्रदूषण जम सा गया है।


    एमएमएमयूटी परिसर में लगा एक्यूआई मापक यंत्र
    एमएमएमयूटी परिसर में ही केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का एक्यूआई मापक यंत्र लगा है। इसके जरिए ही रोज की एक्यूआई रिपोर्ट सीपीसीबी की वेबसाइट पर अपलोड की जाती है।

    एमएमएमयूटी के आसपास कराया पानी का छिड़काव
    एमएमएमयूटी परिसर में लगे प्रदूषण नियंत्रण डिस्प्ले बोर्ड के आसपास बृहस्पतिवार को पानी का छिड़काव कराया गया है। इसका फायदा शुक्रवार को मिल सकता है। अगर छिड़काव का प्रभाव ठीक हुआ तो एयर क्वालिटी इंडेक्स का स्तर सुधर सकता है। दरअसल, एमएमएमयूटी से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) तक सड़क का निर्माण चल रहा है। इस कारण ट्रैफिक डायर्वट किया गया है। ज्यादातर वाहन एमएमएमयूटी की तरफ की सड़क से निकाले जा रहे हैं। इसका असर भी एक्यूआई पर पड़ा है।

    लगातार होगा पानी का छिड़काव
    प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी पंकज यादव ने कहा कि शहर के विभिन्न इलाकों में लगातार निर्माण चल रहा है। इसकी वजह से धूलकण लगतार वायुमंडल में बढ़ जा रहे हैं। इसको देखते हुए नगर निगम, लोक निर्माण विभाग, गोरखपुर विकास प्राधिकरण आदि विभागों से निर्माण साइटों पर पानी का छिड़काव संबंधी पत्र लिखा गया था। इन विभागों द्वारा इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। कंस्ट्रक्शन साइटों पर लगातार पानी का छिड़काव होने की वजह से वायुमंडल में धूल के कण नहीं घुल पाएंगे। ऐसे में गोरखपुर शहर में परिवेशीय वायु गुणत्ता में एक्यूआई में कमी आएगी और शहर की हवा स्वच्छ बनेगी।

    धूल, धुआं से बिगड़ी हवा की गुणवत्ता
    प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों के मुताबिक निर्माण कार्यों व वाहनों की लंबी कतार से हवा की गुणवत्ता खराब हुई है। गोरखपुर के ज्यादातर इलाकों में सड़क, सीवर लाइन या फिर दूसरी विकास परियोजनाओं का काम चल रहा है। इससे धूल का गुबार उठ रहा है। पानी छिड़काव के कोई खास इंतजाम नहीं किए गए हैं। इसी तरह जाम की चुनौती से निपटने की कोई खास व्यवस्था नहीं की गई है। सड़कों के निर्माण व डायवर्जन की वजह से दिनभर जाम की समस्या बनी हुई है।

    तारीख- एक्यूआई
    01-255
    02-261
    03-254
    04-298
    05-372
    06-386
    07-347
    08-345
    09-393
    10-346
    11-271
    12-260
    13-297
    14-295
    15-302
    17-296
    18-311

    शहरों में एक्यूआई का स्तर
    दिल्ली 351
    गाजियाबाद 364
    नोएडा 340
    लखनऊ 242
    प्रयागराज 256
    वाराणसी 240
    आगरा 254
    कानपुर 265

    एक्यूआई स्थिति
    0-50 अच्छा
    51-100 संतोषजनक
    101-200 मोडरेट
    201-300 खराब
    301-400 अत्यंत खराब
    401-500 खतरनाक

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