इन्दौर (Indore)। विधानसभा चुनाव के लिए आज सुबह चार बजे से ही सामग्री वितरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। अधिकारी जहां सुबह चार बजे व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंच गए, वहीं मतदान दलों के आने का सिलसिला सुबह 6 बजे ही शुरू हो गया। हालांकि नेटवर्क जाम होने की स्थिति के चलते दल के कर्मचारी परेशान होते रहे और साढ़े सात बजे से ही मशीनों का वितरण शुरू हो पाया। 17 नवम्बर कल मतदान की प्रक्रिया को अंजाम दिया जाना है, जिसके लिए आज मतदान सामग्री का वितरण किया गया। 170 खिड़कियों के माध्यम से जहां सामग्री वितरण की व्यवस्था की गई है, वहीं मतदान दलों को अपने केंद्र की टेबल तक पहुंचाने के लिए 100 से अधिक वालेन्टियर भी लगाए गए हैं। स्टेडियम को त्योहारी रंग में रंगते हुए रंग-बिरंगी झालरों से डेकोरेट किया गया है। फूलों से दुल्हन की तरह सजाया गया है। सुबह 6 बजे से पहुंचे मतदान दलों में यहां की रौनक देखकर काफी उत्साह देखा गया। मतदान दलों को सबसे पहले बैठाकर चाय और नाश्ता कराया गया, जिसके बाद मतदान दल व्यवस्थाओं को देख उत्साहित हो उठे। हालांकि 9 बजे तक भी मतदान दलों का आना जारी था, जिसके चलते कई सेक्टर अधिकारी और रिटर्निंग अधिकारी परेशान होते रहे।
मोबाइल हुए बंद… सम्पर्क में परेशानी…
कई कर्मचारी साथियों को ढूंढने के लिए परेशान होते रहे। अत्यधिक भीड़ होने के कारण स्टेडियम के अंदर किसी भी मोबाइल कंपनी के नेटवर्क काम नहीं कर रहे थे। हालांकि अधिकारियों ने माइक के माध्यम से व्यवस्थाओं को संभाला। प्रत्येक विधानसभा में आरओ के लिए अलग से माइक लगवाए गए हैं, जिन पर केंद्रवार और कर्मचारी के नाम सहित उद्घोषणाएं की गईं।
सात बजे था रिपोर्टिंग टाइम, पहुंचे लेट
प्रत्येक विधानसभा के कर्मचारियों को सुबह सात बजे का समय रिपोर्टिंग के लिए दिया गया था, लेकिन दूरदराज से आने वाले कर्मचारियों सहित कई दल के कर्मचारी 9 बजे तक भी नहीं पहुंचे, जिसे देख कर्मचारियों ने फोन पर सूचना दी और तुरंत पहुंचने के निर्देश दिए।
आठ इलेक्ट्रिक रिक्शे संभाल रहे कमान
मतदान दलों तक मशीनों को पहुंचाने के लिए लगभग आठ से अधिक ई रिक्शा तैनात किए गए हैं, जो विधानसभावार तय किए गए स्ट्रांग रूम से मशीनों को सेक्टरों तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। नगर निगम सहित सामग्री वितरण के लिए लगाए गए 1630 कर्मचारियों ने सुबह से ही बागडोर संभाल ली। नेहरू स्टेडियम में व्यवस्थाओं की कमान संभाल रहे अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि 9 रंगों में विधानसभाओं को कलर कोडिंग दी गई है, वहीं हर विधानसभा का स्ट्रांग रूम का रूट अलग तय किया गया है, जिससे सामग्री वितरण आसानी से हो पा रहा है।
ड्यूटी कैंसल कराने एक आरओ के पास दस-दस कर्मचारी
मतदान के दौरान ही आरओ से लेकर एडीएम, कलेक्टर तक कर्मचारी ड्यूटी कैंसल कराने के लिए पीछे पड़े रहे। एक आरओ के पास दस-दस कर्मचारी लाइन लगाकर ड्यूटी कैंसल कराने का आवेदन देने की कोशिश कर रहे थे। सुबह पहुंचे कलेक्टर इस स्थिति को देखकर जहां कर्मचारियो को फटकार लगाई, वहीं ड्यूटी नहीं करना है तो वीआरएस लेने की समझाइश भी दे डाली। कई कर्मचारी जहां ड्यूटी कैंसल कराने के लिए लाइन में लगे थे, वहीं कई कर्मचारी ऐसे भी नजर आए, जो दो-दो बच्चों को लेकर हाथों में मशीन थामे अपने-अपने केंद्रों पर जाने को तैयार $खड़े थे।
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