वाराणसी: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque of Varanasi) के सर्वे को लेकर सियासत जारी है. यह मामला कोर्ट में है और अदालत ने सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. लेकिन मुस्लिम पक्ष के विरोध के बाद मस्जिद में सर्वे की प्रक्रिया में अड़चनें आ रही हैं. हिन्दू पक्ष की ओर से हरिशंकर जैन और विष्णु जैन कोर्ट (Vishnu Jain Court) में पक्ष रख रहे हैं.
हिन्दू पक्ष के वकीलों पर AIMIM नेता सैयद असीम वकार ने निशाना साधते हुए कहा कि दोनों वकीलों ने देशभर की मस्जिदों को हटाकर वहां मंदिर बनाने की मुहिम चला रखी है. उन्होंने अपील करते हुए कहा कि दुनियाभर के जैन मंदिरों में श्रीराम (Shri Ram in Jain Temples), बजरंगबली और शिवजी (Bajrangbali and Shivaji) की मूर्तियां रखवानी चाहिए. उन्होंने कहा कि दोनों जैन वकीलों ने सारी मस्जिदों की जगह मंदिर बनवाने का ठेका उठाया हुआ है और मेरी मांग है कि वह सभी जैन मंदिरों में भगवान राम की मूर्तियां रखवाने का भी ठेका उठा लें. असीम वकार (Aseem Waqar) ने कहा कि दोनों वकीलों को जैन मंदिरों में भगवान की मूर्तियां रखवाकर पूजा शुरू करवानी चाहिए और अपने घर से ही इसकी शुरुआत करनी चाहिए.
AIMIM नेता ने कहा कि क्या भगवान राम की मूर्ति जैन मंदिर में नहीं रखी जा सकती. क्या हरिशंकर जैन सिर्फ मस्जिदों (Harishankar Jain only mosques) में भगवान की मूर्तियां रखवाना चाहते हैं, अपने जैन मंदिरों में भी उन्हें ऐसा करना चाहिए. उन्होंने कहा कि 2014 में मोदी सरकार आने से पहले महंगाई, बेरोजगारी पर खूब टीवी डिबेट (TV debate) होती थी लेकिन अब सिर्फ हिन्दू-मुस्लिम मुद्दे पर ही बहस होती रहती है. इसके बात का जवाब देते हुए बीजेपी नेता शाज़िया इल्मी ने कहा कि टीवी पर तब भ्रष्टाचार और घोटालों की खबरें चला करती थीं लेकिन मोदी सरकार आने के बाद इन सब पर रोक लगी है. इसके लिए आपको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) का आभार जताना चाहिए क्योंकि मोदी है तो मुमकिन है.
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