मंदसौर: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सोयाबीन के भाव (soybean prices) पर सियासत थम नहीं रही है. मंदसौर (Mandsaur) से कांग्रेस ने आज (10 सितंबर) आंदोलन की शुरुआत की है. प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी (Jeetu Patwari) ने कहा कि काफी मंथन के बाद मंदसौर से किसान न्याय यात्रा शुरू करने का फैसला लिया गया. किसान न्याय यात्रा के तहत जीतू पटवारी, विधायक आरिफ मसूद, महेश परमार, विपिन जैन सोयाबीन की कीमत का मुद्दा उठा रहे हैं.
जीतू पटवारी ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान 20 साल तक मुख्यमंत्री के पद पर रहे. अपने कार्यकाल में उन्होंने किसानों की आय दोगुनी करने वादा किया था. लेकिन आज तक खेती किसानों के लिए लाभकारी नहीं बन पायी. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इस बार भी सोयाबीन के दाम काफी कम हैं. कांग्रेस ने सोयाबीन का समर्थन मूल्य छह हजार रुपये करने की मांग की है. उन्होंने बताया कि किसानों को सोयाबीन की लागत भी नहीं मिल पा रहा है. मंदसौर में कई किसानों ने सोयाबीन की फसल पर ट्रैक्टर चला दी है.
किसानों की पीड़ा समझते हुए कांग्रेस ने मंदसौर से न्याय यात्रा का शुभारंभ किया है. जीतू पटवारी के मुताबिक एक बीघा में दो से तीन क्विंटल सोयाबीन की पैदावार होती है. कृषि मंडी पहुंचने तक सोयाबीन की लागत प्रति क्विंटल 4200 रुपये हो जाती है. मंडी में किसानों की फसल सोयाबीन का भाव 3500 रुपये प्रति क्विंटल लगाया जाता है. ऐसे में किसानों को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से किसानों का दर्द समझने की अपील की जाती है. कांग्रेस की मांग है कि किसानों को सोयाबीन का समर्थन मूल्य छह हजार रुपये दिया जाये. बीजेपी नेता सचिन सक्सेना ने कांग्रेस के आंदोलन पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार किसानों का हित समझती है. कांग्रेस नेताओं को किसानों की चिंता करने की जरूरत नहीं है. 50 साल तक देश पर राज करने वाली पार्टी को किसानों की याद नहीं आई. अभी विपक्ष में होने पर कांग्रेस को किसान याद आ रहे हैं.
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