भोपाल। राजधानी भोपाल के रातीबड़ थाना क्षेत्र में ऑनलाइन ब्लैकमेलिंग (online blackmailing) के शिकार दंपती (Couple) ने बच्चों को जहर देकर खुद आत्महत्या (Suicide) कर ली। इसके बाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। अब इस मामले में बयानबाजी भी शुरू हो गई है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह ने इस मामले को सरकार की नाकामी बताते हुए कहा कि ये आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है। भोपाल में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि रीवा जिले के सिमरिया विधानसभा क्षेत्र के विश्वकर्मा परिवार के एक व्यक्ति ने लोन लिया। लोन चुकाने के लिए दबाव डाला जा रहा था। इससे परेशान होकर वो पुलिस की शरण में गया और साइबर सेल में शिकायत की। लेकिन, शिवराज सिंह की सरकार और उनके जो तंत्र है पूरी तरह सत्ता के मद में मदांध मदहोश हो गया है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा- मैं कहना चाहता हूं जिस मजबूरी में उन्हें आत्महत्या करनी पड़ी। चार लोगों की आत्महत्या प्रदेश के लिए शर्मनाक है। इसके लिए पूरी तरह से सरकार जिम्मेदार है। मैं शिवराज सिंह से कहना चाहता हूं कि आप सत्ता के लिए लाडली बहना की बात करते हैं। लेकिन, बहनें और बच्चियां आत्महत्या करने के लिए मजबूर हैं। बड़ी – बड़ी सभाएं करके करोड़ों रुपए जनता का फूंक कर प्रदेश को कर्ज के गर्त में डाल रहे हैं।
संवेदनशील मामले पर राजनीति न करें
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Medical Education Minister Vishwas Sarang) ने कहा- मुझे लगता है इस तरह से किसी मुद्दे पर हमें कोई कमेंट नहीं करना चाहिए। ये एक संवेदनशील सामाजिक मुद्दा है। इसमें कहीं राजनीति नहीं घसीटी जानी चाहिए। ये बहुत दुखदायी दर्दनाक घटना है। संपूर्ण विषय पर गंभीरता के साथ टिप्पणी करनी चाहिए। इस प्रकार के मामले पर संबंधित विभाग संज्ञान ले रहा है। कोई भी तकनीक में यदि कोई खामी है तो उस पर निगरानी होनी चाहिए। ये संबंधित विभाग निश्चित तौर पर करेगा।
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