सागर: सागर जिले (Sagar District) का मझेरा गांव (Majhera Village) भाड़े के शिक्षक (Teachers Hire) रखने के मामले में सुर्खियों में आ गया है. दरअसल, मझेरा गांव में स्थित शासकीय प्राथमिक स्कूल (Government Primary School) के शिक्षक ने अपने स्थान पर पढ़ाने के लिए किराए पर शिक्षिका रख ली. मामला उजागर होने के बाद से मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस (Congress) सरकार पर जमकर हमलावर है. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार (Umang Singhar) ने एक्स ट्वीट कर लिखा कि- मोहन बाबू क्या ये भी डबल इंजन वाली व्यवस्था है?
सोशल मीडिया के एक्स पर कांग्रेस के अधिकृत अकाउंट से ट्वीट किया गया कि- मास्टर जी ने केंद्रीय मंत्री की सेवा चाकरी और जी हजूरी कर ली, फिर बच्चों का भविष्य बर्बाद हो तो भी परवाह किसे? मध्यप्रदेश में शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है. सत्ता के संरक्षण में शिक्षक पढ़ाने नहीं जाते. मोटी तनख्वाह वसूल रहे शिक्षक एवजी पर 3 हजार के मजदूर शिक्षक भेज देते हैं. मगर भारतीय जनता पार्टी सरकार को बच्चियों के भविष्य और शिक्षा की गुणवत्ता की कोई चिंता नहीं है.
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने एक्स पर ट्वीट कर लिखा कि लगता है प्रदेश के स्कूलों में भी डबल इंजन की सरकार चल रही. सागर जिले के ग्रामीण इलाके मझेरा के स्कूल का असल शिक्षक इंद्र विक्रम, मंत्री वीरेन्द्र खटीक का मुंह लगा है. इस शिक्षक ने अपनी जगह स्कूल में एवजी शिक्षक ममता को तीन हजार रुपए महीने पर नौकरी पर रख लिया, वो इनकी जगह क्लास लेती है और ये मंत्री के हाथों खीर खाते हैं.
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघा ने लिखा कि मोहन बाबू क्या ये भी डबल इंजन वाली व्यवस्था है? सिर्फ यही नहीं प्रदेश के कई सरकारी स्कूलों में ऐसे एवजी शिक्षक पढ़ा रहे हैं. राजनीतिक संरक्षण वाले शिक्षकों ने एवजियों को पढ़ाने का काम सौंप दिया और खुद राजनीति करते हैं. अब देखना है कि सागर जिले के शिक्षक इंद्र विक्रम पर सरकार क्या कार्रवाई करती है.
मझेरा गांव के शासकीय प्राथमिक स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक इंद्र विक्रम सिंह परमार उर्फ वट्टू राजा का 40 हजार रुपए वेतन है, जबकि उन्होंने 3000 रुपए महीने में ममता नामक महिला को पढ़ाने के लिए रख रखा है, वह एक साल से इस स्कूल में पढ़ा रही हैं. इधर इस मामले में प्रधानाध्यापक धर्मेन्द्र सिंह का कहना है कि कई बार मना किया, फिर भी ममता स्कूल आ रही हैं. उपस्थिति रजिस्टर में लाइन खींच दी, फिर भी इंद्र महीने में एक बार आकर हस्ताक्षर कर रहे हैं. वहीं शिक्षक इंद्र का कहना है कि सुबह-शाम केंद्रीय मंत्री के साथ समय व्यतीत करता हूं. दिन में स्कूल जाता हूं. कभी-कभी नहीं जा पाता, वह अलग बात है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved