मुंबई(Mumbai) । महाराष्ट्र में चुनावी (elections in maharashtra)माहौल के बीच आरोप-प्रत्यारोप(Counter charges) का सिलसिला तेज हो गया है। मुंबई पुलिस (mumbai police)के बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे(Police Officer Sachin Waze) ने खुलासा किया है कि उसने एमवीए के एक अन्य नेता जयंत पाटिल पर भी आरोप लगाए थे। वाझे के मुताबिक उसने इस बात की जानकारी डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस को लिखे पत्र में दी थी। यह मामला ऑर्केस्ट्रा बार वसूली केस का था, जिसमें पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख का नाम भी शामिल है। फिलहाल हत्या के मामले में जेल में बंद वाझे के इन खुलासों के बाद भाजपा और एनसीपी (शरद पवार) के बीच शाब्दिक जंग शुरू हो गई है। वाझे ‘एंटीलिया’ बम कांड और ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरन की हत्या के मामले में आरोपी है और वर्तमान में नवी मुंबई के तलोजा केंद्रीय कारागार में बंद है।
वाझे ने कहा कि भाजपा के फडणवीस को लिखे पत्र में उसने पाटिल के नाम का जिक्र किया है। वहीं, नागपुर में मीडिया से बात करते हुए फडणवीस ने कहा कि मैंने वाझे का पत्र नहीं पढ़ा है। मुझे इसकी जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स से हुई है। अगर वाझे ने वास्तव में ऐसा कोई पत्र भेजा है तो इसकी सच्चाई का पता लगाया जाएगा। इसके बाद मामले में जांच की जाएगी। वहीं, एनसीपी-शरद पवार गुट के नेता जयंत पाटिल ने कहा कि आजकल जेल में बंद लोग भी इंटरव्यू दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वाझे के खिलाफ गंभीर आरोप है। मुझे नहीं लगता है कि इस मामले में किसी तरह का जवाब देने की जरूरत है। वाझे ने शु्क्रवार को उस वक्त मीडिया से बात की थी, जब पुलिस टीम उसे कोर्ट से जेल ले जा रही थी।
यह मामला उस वक्त चर्चा में आया जब देशमुख ने हाल में दावा किया कि फडणवीस जब नेता प्रतिपक्ष थे तो उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे और एमवीए सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे अजित पवार के खिलाफ हलफनामे पर हस्ताक्षर करने के लिए उन पर दबाव बनाने की कोशिश की थी। फडणवीस ने आरोपों से इनकार किया और देशमुख के कई ऑडियो-विजुअल क्लिप जारी करने की धमकी दी, जिस पर देशमुख ने पलटवार करते हुए दावा किया कि उनके पास वरिष्ठ भाजपा नेता के खिलाफ गंभीर आरोपों वाली एक पेन ड्राइव है।
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि देशमुख ने गृह मंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान पुलिस अधिकारियों से शहर के बार और रेस्टोरेंट से हर माह 100 करोड़ रुपये वसूलने को कहा था। आरोपों के मद्देनजर देशमुख ने 2021 में गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि देशमुख ने इन आरोपों से इनकार किया है और हवाला दिया कि उन्हें कोर्ट जमानत मिल चुकी है। इस बीच विपक्ष ने भी इन आरोपों की टाइमिंग को लेकर सवाल उठाया है।
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