पटना । चुनावी रणनीतिकार (Election Strategist) प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) यानी पीके के बिहार (Bihar) से नई राजनीति की घोषणा (NewPolitical Announcement) को लेकर राज्य में सियासत गर्म (Politics Hot) हो गई है। भाजपा (BJP) जहां पीके के नई घोषणा के बाद उनकी होने वाली पार्टी को राजनीतिक दुकान (Political Shop) बता रही है, वहीं जदयू का कहना है कि लोकतंत्र में सबको अपनी बात कहने का हक है।
प्रशांत किशोर भाजपा, कांग्रेस, जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू), तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) समेत अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों के चुनावी रणनीतिकार रह चुके हैं। पीके ने सोमवार ट्वीट कर नई घोषणा की और ये संकेत दिया कि वे दोबारा अपने गृह राज्य बिहार की जनता से मुखातिब होंगे। जहां उनका सियासी आधार हो सकता है।प्रशांत किशोर ने सोमवार को ट्वीट कर कहा, लोकतंत्र में प्रभावशाली योगदान देने की उनकी भूख और लोगों के प्रति कार्य नीति तैयार करने में मदद करने का सफर काफी उतार चढ़ाव वाला रहा है। अब मुद्दों और जन सुराज के मार्ग को बेहतर ढंग से समझने के लिए ‘रियल मास्टर’ यानी जनता के पास जाने का समय आ गया है। शुरूआत बिहार से।
इधर, भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री और बिहार भाजपा प्रवक्ता डॉ. निखिल आनंद ने पीके के बयान पर कहा कि प्रशांत किशोर समाजशास्त्री या अर्थशास्त्री नहीं है, न ही समाज मनोविज्ञानी या राजनीतिशास्त्री हैं। साथ ही वे पत्रकार या सेफोलॉजिस्ट भी कभी नहीं रहे। वह शिक्षा, ट्रेनिंग, प्रैक्टिस और प्रोफेशन से इनमें से कुछ भी नहीं है। भाजपा नेता ने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों के लिए उनकी कंपनी फेसबुक- ट्विटर, सोशल मीडिया हैंडलिंग के साथ इमेज मेकिंग और पॉलिटिकल प्रोपोगंडा का काम करती है। वे विशुद्ध रूप से एक पॉलिटिकल ब्रोकर या राजनीतिक दलाल है जो पैसे लेकर अलग-अलग राजनीतिक दलों और उनके नेताओं को विभिन्न प्रकार की सेवायें मुहैया कराते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा है, जिसको पूरा करने के लिए वह देशभर के नेताओं से मिल चुके, लेकिन निराश होने के बाद अब अपनी पॉलिटिकल पार्टी लांच करने जा रहे हैं।
ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ राजनीतिक दल और उनके नेतागण प्रशांत किशोर को प्रमोट या प्रोम्प्ट करके उनकी पॉलिटिकल पार्टी लांच कराना चाहते हैं, ताकि वह वोट कटवा की भूमिका में वजूद कायम कर उनको मदद पहुंचा सकें। उन्होंने कहा कि हम राजनीतिक दलालों और राजनीति की दुकानों का नोटिस नहीं लेते हैं। जदयू के प्रवक्ता और राज्य के पूर्व मूंत्री नीरज कुमार कहते हैं कि उनका बयान ही स्पष्ट नहीं है। बयान में न कोई कार्यक्रम की घोषणा है और न ही कुछ स्पष्ट है। लोकतंत्र में सबको अपनी बात कहने का हक है, वह कोई भी हो। इधर, राजद का कहना है कि बिहार में तेजस्वी यादव का जादू चल रहा है और लोग उन्हें पसंद कर रहे हैं।
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