भोपाल। मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी राजनीति जारी है और भाजपा-कांग्रेस अपने-अपने तर्कों के आधार पर फैसले का राजनीतिक लाभ उठाने की दिशा में काम कर रही हैं। ओबीसी महासभा ने सुप्रीम कोर्ट के 50 फीसदी कैप को वापस कराने के लिए सरकार से फिर अदालत जाने की मांग कर रही हैं और आज प्रदेश बंद का आव्हान किया है। मगर कांग्रेस समर्थित यह बंद आज बेअसर रहा। वहीं, सत्ताधारी भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अपनी जीत बताने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का सम्मान किया है।
मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण की जगह 50 फीसदी कैप के साथ होने जा रहे हैं जिसको लेकर भाजपा और कांग्रेस एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। विपक्षी दल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि ओबीसी वर्ग के साथ घोर अन्याय हुआ है जबकि उनकी सरकार ने 27 फीसदी रिजर्वेशन दिलाने का कानून बनाया था।
भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट में सही ढंग से रिपोर्ट पेश नहीं की जिससे ओबीसी को नुकसान हुआ। वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस ओबीसी को वोट बैंक मानती है और वह ओबीसी को आरक्षण देने के पक्ष में नहीं है। उसकी महाराष्ट्र सरकार ने बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव कराए हैं और अह वहां नगरीय निकाय चुनाव भी होने वाले हैं। चौहान ने कहा कि कमलनाथ को 27 फीसदी आरक्षण देने के बाद अदालत में सरकार का पक्ष नहीं रखने का जवाब देना चाहिए क्योंकि उसके कारण कोर्ट ने स्थगन दिया।
बंद बेअसर रहा
ओबीसी महासभा ने आबादी के मुताबिक आरक्षण नहीं मिल पाने की वजह से आज मध्य प्रदेश बंद का आव्हान किया था लेकिन इसका प्रदेश के ज्यादातर जिलों में असर नहीं दिखाई दिया। ओबीसी, एससी, एसटी एकता मंच के अध्यक्ष लोकेंद्र गुर्जर ने अपने गृह नगर भिंड में बंद के समर्थन में रैली निकाली। भोपाल में इसका असर नहीं दिखाई दिया।
सीएम का सम्मान
मुख्यमंत्री निवास में सुप्रीम कोर्ट में बिना ओबीसी आरक्षण के फैसले को संशोधित कराने में सफल होने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का भाजपा के पिछड़ा वर्ग मोर्चा ने सम्मान किया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन, नगरीय विकास और आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सीएम का स्वागत किया।
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