पुणे: महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को हुए नुकसान का मामला गरमाता जा रहा है. इस मुद्दे पर सियासी पारा भी चढ़ा हुआ है और विपक्षी दल लगातार शिंदे सरकार पर निशाना साध रहे हैं.
महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को हुए नुकसान की जांच एक विशेष जांच समिति द्वारा की जाएगी. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस मामले की जांच के लिए महाराष्ट्र सरकार के प्रतिनिधियों और तकनीकी विशेषज्ञों के साथ भारतीय नौसेना की अध्यक्षता में एक संयुक्त तकनीकी समिति का गठन किया जा रहा है.
यह घटना महाराष्ट्र स्थित सिंधुदुर्ग के राजकोट किले में हुई थी. क्षेत्र में असाधारण मौसम की स्थिति के बाद राजकोट किले में स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को क्षति हुई थी. बता दें कि शिवाजी महाराज की प्रतिमा का उद्घाटन 4 दिसंबर 2023 को सिंधुदुर्ग में पहली बार आयोजित नौसेना दिवस समारोह के हिस्से के रूप में किया गया था.
छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को स्थापित करने का उद्देश्य समुद्री रक्षा और सुरक्षा के प्रति मराठा नौसेना और छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत का आदर करना था. साथ ही इसका उद्देश्य आधुनिक भारतीय नौसेना के साथ इसके ऐतिहासिक जुड़ाव का सम्मान करना भी था.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस परियोजना की संकल्पना और संचालन भारतीय नौसेना द्वारा राज्य सरकार के समन्वय से किया गया था. राज्य सरकार की ओर से इसके लिए धन भी उपलब्ध कराया था. भारतीय नौसेना का कहना है कि वह जल्द से जल्द प्रतिमा की मरम्मत और फिर से उसे स्थापित करने के सभी उपायों में सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है.
सिंधुदुर्ग के राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को हुए दुर्भाग्यपूर्ण नुकसान पर भारतीय नौसेना ने इससे पहले एक बयान जारी किया था जिसमें नौसेना ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को हुई क्षति पर गहरी चिंता व्यक्त की थी.
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