नई दिल्ली (New Delhi)। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विजयी रथ को रोकने के लिए तैयार इंडिया (INDIA) गठबंधन को लगातार झटके लग रहे हैं। हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने खुद महागठबंधन से अलग कर लिया और भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई।
आपको बता दें कि नीतीश कुमार ने ही तमाम विपक्षी दलों को एक मंच पर लाया। इंडिया से अलग होने के बाद उनकी पार्टी के नेताओं ने कहा कि उन्हें वहां सम्मान नहीं मिल रहा था।
सम्मान की बात करें तो पश्चिम बंगाल में भी ममता बनर्जी और कांग्रेस पार्टी के बीच वाक युद्ध जारी है। ममता ने हाल ही में वाम दलों पर भी निशाना साधा था। उन्होंने तो वर्षों तक बंगाल पर राज करने वाली लेफ्ट पार्टियों पर लाखों कार्यकर्ताओं की हत्या का आरोप तक लगा दिया।
ऐसे में देश जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव की तरफ आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे इंडिया गठबंधन में शामिल घटक दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर संघर्ष बढ़ता जा रहा है। बिहार के बाद पश्तिम बंगाल में गठबंधन के लिए मुश्किलें बढ़ती ही दिख रही हैं।
हालांकि, कांग्रेस की सहयोगी और टीएमसी की कट्टर प्रतिद्वंद्वी सीपीआई (एम) किसी भी समझौते के लिए तैयार नहीं है। सीपीआई (एम) के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने तो यहां तक कह दिया है कि अगर ममता बनर्जी गठबंधन छोड़ने का फैसला करती है तो वह इस कदम का स्वागत करेंगे।
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या इंडिया गठबंधन खत्म हो चुका है? पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) पहले ही कह चुकी है कि वह अकेली लड़ेगी। नीतीश ने खुद को अलग कर लिया है। ममता भी इंडिया से अपनी राह अलग करने के लिए तैयारी दिख रही हैं।
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