नई दिल्ली (New Delhi)। राजनीतिक दलों (Political parties) को 16 हजार करोड़ रुपये (worth Rs 16 thousand crores) का चंदा चुनावी बॉन्ड (Election bonds) से मिला। पिछले वित्त वर्ष तक सभी राजनीतिक दलों (Political parties) को कुल मिलाकर 12 हजार करोड़ रुपये के बॉन्ड मिले थे, इसमें सबसे ज्यादा 55 प्रतिशत हिस्सा अकेले भाजपा (BJP) को मिला, जो 6,565 करोड़ रुपये था। चुनाव आयोग (election Commission) और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) (Association for Democratic Reforms (ADR).) के उपलब्ध डाटा में ये जानकारियां दर्ज हुई हैं। मौजूदा वित्त वर्ष 2023-24 का डाटा राजनीतिक दलों के सालाना ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने के बाद सामने आएगा।
एडीआर ने मार्च 2018 से जनवरी 2024 तक 16,518.11 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड बेचे जाने की जानकारी दी है। राजनीतिक दलों को मिलने वाले कुल चंदे का करीब 50 प्रतिशत इन्हीं से आ रहा है। वहीं राज्यों की सत्ता पर काबिज कुछ क्षेत्रीय दल को 90 प्रतिशत तक चंदा इन बॉन्ड से मिल रहा है। भाजपा 2013-14 में कांग्रेस को पीछे छोड़ देश की सबसे अमीर पार्टी बनी थी…उस वर्ष भाजपा की आय 673.8 करोड़ और कांग्रेस की 598 करोड़ दर्ज हुई थी। इसके बाद से भाजपा की आय लगातार बढ़ती गई, तो वहीं कांग्रेस की आय कुछ वर्ष को छोड़ दें तो गिरती रही।
दोगुनी कर दी दलों की आय
चुनावी बॉन्ड जारी होने के बाद पहली बार 2018-19 के पूर्ण वित्त वर्ष में भाजपा की कुल आय 1,027 करोड़ रुपये से दोगुनी से ज्यादा बढ़ कर 2,410 करोड़ पहुंच गई। कांग्रेस की आय भी 199 करोड़ रुपये से करीब साढ़े 4 गुना बढ़कर 918 करोड़ रुपये पहुंच गईं। बीते वित्त वर्ष में भाजपा की आय 2,360 करोड़ दर्ज हुई, इसमें से करीब 1,300 करोड़ चुनावी बॉन्ड से मिले। कांग्रेस की आय 452 करोड़ रही, इसमें 171 करोड़ चुनावी बॉन्ड से। 2021-22 में भाजपा को 1033 करोड़ व कांग्रेस को 236 करोड़ मिले। बीते वित्त वर्ष में तृणमूल कांग्रेस को 325 करोड़, तेलंगाना की भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को 529 करोड़, द्रमुक को 185 करोड़, बीजद को 152 करोड़, तेदेपा को 34 करोड़ के बॉन्ड मिले। समाजवादी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल को शून्य योगदान मिला।
दलों को करीब 50 प्रतिशत चुनावी बॉन्ड कॉरपोरेट्स ने दिए
साल 2016-17 से 2021-22 के बीच एनसीपी को 109.59 करोड़, माकपा को 29.16 करोड़, तृणमूल कांग्रेस को 49.76 करोड़, भाकपा को 55 हजार रुपये कॉरपोरेट्स से मिले। बसपा को चंदा नहीं मिला।
84% चंदा भाजपा को
राजनीतिक दलों को कुल 3,894.83 करोड़ का चंदा मिला, इसमें से भाजपा के हिस्से में 3,299.85 करोड़ रुपये गए। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को 406.45 करोड़ मिले, जो कुल चंदे का 10.84 प्रतिशत है।
चुनावी बॉन्ड एक करोड़ रुपये के
सुप्रीम कोर्ट के आदेश में मार्च 2018 से जुलाई 2023 तक 27 चरणों में हुई चुनावी बॉन्ड की बिक्री का भी उल्लेख…54% से ज्यादा के चुनावी बॉन्ड 1 करोड़ रुपये मूल्यवर्ग के थे। इनका कुल मूल्य 12,999 करोड़ रुपये था। यह कुल चुनावी बॉन्ड (13,791.89 करोड़) का 94.25% है।
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