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    पंचायत चुनावों को लेकर भयभीत है राजनीतिक दल

  • December 06, 2021

    • कानूनी दांव-पेंच में उलझ कोर्ट में उलझ सकता है चुनाव

    भोपाल। प्रदेश में दो साल की देरी से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का ऐलान हो चुका है, लेकिन अब भी चुनाव समय पर हो पाएं इसकी संभावना कम ही दिखाई दे रही है, क्योंकि प्रमुख राजनीतिक दल पंचायतों के आरक्षण को लेकर सियासत पर उतर आए हैं। पंचायत चुनाव में आरक्षण का रोटेशन नहीं होने को पंचायत राज का उल्लंघन बताकर कांग्रेस कोर्ट जा रही हैं। बेशक पंचायत चुनाव निर्दलीय (राजनीतक दल भाग नहीं लेते)होते हैं। इसके बावजूद भी पंचायत चुनाव के ऐलान के बाद दोनों ही प्रमुख दल कांग्रेस और भाजपा में घबराहट दिखाई दे रही है।



    मप्र राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव की तैयारी तीन महीने पहले कर ली थी, लेकिन राज्य शासन की ओर से आरक्षण की प्रक्रिया पूरी होने की वजह से चुनाव लगातार टलते जा रहे थे। आरक्षण को लेकर चुनाव आयोग की ओर से राज्य शासन को लगातार पत्र लिखे जा रहे थे, इसके बावजूद भी सरकार ने जिला पंचायतों के आरक्षण की प्रक्रिया पूरी नहीं की। जबकि चुनाव के ऐलान से पहले सरकार ने अध्यादेश लाकर पिछले साल की गई आरक्षण की प्रक्रिया को रद्द करते हुए 2014 की आरक्षण की प्रक्रिया केा बहाल कर दिया। सरकार के इस कदम से पंचायत चुनाव में रोटेशन की प्रक्रिया नहीं हो पाई। जबकि सरकार ने चुनाव के ऐलान से दो दिन पहले जिला पंचायत अध्यक्षों के आरक्षण 14 दिसंबर को कराने का ऐलान किया है। कांग्रेस इसी मुद्दे पर कोर्ट जाने जा रही है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पंच, सरपंच, जनपद पंचायतों के लिए पुराना आरक्षण है, तो फिर जिला पंचायत अध्यक्षों के लिए नया आरक्षण लागू क्यों किया जा रहा है। चुनाव की प्रक्रियाओं में विसंगतियों को लेकर जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर पीठ में याचिकाएं दायर की गई हैं। पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद दिग्विजय ने पंचायत चुनाव पर सवाल उठाते हुए कहा कि पंचायत चुनाव में रोटेशन की प्रक्रिया अपनाने का नियम है, तो फिर सरकार ने ऐसा क्यों नहीं किया। इससे लोगों के अधिकार प्रभावित होंगे। कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा है कि कांग्रेस में चुनाव को लेकर हार का डर है। जबकि पंचायत चुनाव दलगत आधार पर नहीं होते हैं। ऐसे में चुनाव में किसी दल की हार जीत कैसे तय होगी।

    सरकार चुनाव कराना नहीं चाहती: कमलनाथ
    पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने आरोप लगाया है कि सरकार ही चुनाव नहीं कराना चाहती है। कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर लिखा- हम तो पिछले काफी समय से यह मांग कर रहे हैं कि प्रदेश में जल्द नगरीय निकाय व पंचायत के चुनाव हों, लेकिन लगता है कि सरकार इन चुनाव से डरी हुई है। वह चुनाव करवाना नहीं चाहती है, वह चुनाव से भाग रही है।

    चुनाव के लिए भाजपा तैयार: वीडी शर्मा
    भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने जो परिसीमन किया था, उसमें व्यापक विसंगतियां थीं। जहां तक आरक्षण की बात है, तो एक नियत समय अवधि के दौरान तक अगर इंप्लीमेंट नहीं होता, तो वह स्वत: खत्म हो जाता है। शायद कांग्रेस को ज्ञान नहीं है। उन्होंने इसके तकनीकी पक्ष में जानने जरूरत ही नहीं समझी। उन्हें तो केवल आरोप लगाना होता है।

    आज फाइनल होगी वोटर लिस्ट
    मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव का ऐलान होने के बाद अब निर्वाचन क्षेत्रों में तीन साल से पदस्थ अधिकारी हटाए जाएंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने गृह और राजस्व विभाग को कार्रवाई कर प्रतिवेदन देने के निर्देश दिए हैं। गृह विभाग कुछ पुलिस अधिकारियों का स्थानांतरण कर भी चुका है। इसके साथ ही वोटर लिस्ट भी आज फाइनल हो जाएगी। आयोग ने जिन पंचायतों में परिसीमन हुआ था। उसे पूर्ववत स्थिति में लाने के लिए संबंधित जिलों के कलेक्टरों से कहा था।

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