काठमांडू: नेपाल (Nepal) में मौजूदा सरकार संकट में आ गई है. दो माह पहले ही सत्ता में आई गठबंधन सरकार मुश्किल में है और इसके साझेदार केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सीपीएन-यूएमएल ने सरकार से समर्थन वापसी का ऐलान कर दिया है. अब प्रचंड सरकार को संसद में शक्ति परीक्षण से गुजरना होगा और एक माह के भीतर ही अपना बहुमत साबित करना होगा. सीपीएन-यूएमएल के डिप्टी चेयरमैन बिशनु पौडेल ने बताया कि सरकार के गठबंधन से हमने समर्थन वापस ले लिया है और सीपीएन (UML) के सभी मंत्री इस्तीफा देंगे. इसको लेकर सोमवार को बैठक हुई थी, जिसमें समर्थन वापसी का निर्णय लिया गया.
सीपीएन-यूएमएल के डिप्टी चेयरमैन बिशनु पौडेल ने बताया कि तमाम मतभेदों के बावजूद नेपाल में राजनीतिक स्थिरता के लिए हमने सरकार को बचाने और बनाए रखने की पूरी कोशिश की. प्रधानमंत्री ने गठबंधन की सरकार के रास्ते से अलग जाने की कोशिश की है और उनके कारण ही हमने समर्थन वापस लेने का फैसला किया है. विदेश मंत्री की स्विटज़रलैंड की यात्रा को रोकना और उन्हें पद से बर्खास्त करने की बात कही गई. विदेश मंत्री बिमला राय पौडयाल यूएमएल से हैं और वे संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के एक उच्च स्तरीय सत्र में भाग लेने के लिए जिनेवा जाने वाली थीं, लेकिन उन्हें यात्रा रद्द करनी पड़ी. उनके स्थान पर अब पांच सदस्यीय नेपाली प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उप प्रधान मंत्री नारायण काजी करेंगे.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved