पणजी । गोवा (Goa) में कांग्रेस (Congress) पर संकट मंडराता दिखायी दे रहा है। एक होटल में कांग्रेस विधायकों (MLA) की बैठक के बाद ही चर्चा होने लगी कि 6 विधायक भाजपा (BJP) में शामिल होने का मन बना चुके हैं। इसके बाद गोवा में कांग्रेस प्रभारी दिनेश गुंडू राव (Dinesh Gundu Rao) ने अपने ही दो विधायकों पर गद्दारी का आरोप लगाते हुए उनपर कार्रवाई की। नेता प्रतिपक्ष माइकल लोबो को उनके पद से हटा दिया गया। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने मुकुल वासनिक को गोवा भेजा है। गोवा में इसी तरह का घटनाक्रम तीन साल पहले 2019 में हो चुका है जब कांग्रेस के 15 में से 10 विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे।
मुख्यमंत्री सावंत से मिलने पहूंचीं देलिला लोबो
नेता प्रतिपक्ष पद से हटाए गए विधायक माइकल लोबो की विधायक पत्नी देलिला लोबो मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से मिलने पहुंचीं। बताया जा रहा है कि जो विधायक भाजपा में जाना चाहते हैं उनमें देलिला का भी नाम है। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री कामत का नाम खुद कांग्रेस प्रभारी ने ही बताया था। हालांकि इस बारे में जब प्रमोद सावंत ने कहा कि विधानसभा सत्र से पहले लोग मिलने आते हैं। यह आम बात है। उन्होंने कहा, मैं विधानसभा सत्र की तैयारियों में लगा हूं और किसी और पार्टी पर कमेंट करना उचित नहीं है।
टूटा पांच विधायकों से संपर्क
बताया जा रहा है कि कांग्रेस का पांच विधायकों से संपर्क टूट गया है। इसमें माइकल लोबो, उनकी पत्नी देलिला लोबो, कामत के अलावा केदार नाइक और राजेश फलदेसाई शामिल हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बाकी पांच विधायक मौजदू थे और एक कांग्रेस के संपर्क में थे।
क्या हुआ था 2019 में?
2019 में कांग्रेस के कुल 15 विधायकों में से 10 भाजपा में शामिल हो गए थे। उसमें नेता विपक्ष भी शामिल थे। पहले विधायकों ने स्पीकर को अलग ग्रुप बनाने की चिट्ठी दी थी। इसके बाद वे कांग्रेस का साथ छोड़ अमित शाह से मिलने दिल्ली रवाना हो गए। उनपर दल-बदल कानून भी नहीं लागू हुआ क्योंकि उनकी संख्या कुल पार्टी विधायकों की दो तिहाई थी।
चंद्रकांत कावलेकर उस समय बागी विधायकों की अगुआई कर रहे थे। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री अच्छा काम कर रहे हैं। विपक्ष का नेता होने के बावजूद उनके क्षेत्र में काम नहीं हुआ इसलिए विकास के लिए उनका पाला बदलना जरूरी हो गया।
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