वाशिंगटन । अमेरिका में वोट बैंक को अपने पक्ष में करने की कोई भी कसर सियासी पार्टियां छोड़ना नहीं चाहती हैं। दरअसल, अमेरिकी चुनाव में हिंदुओं को लुभाने के लिए अभियान छेड़ने के बाद देश के सिख समुदाय के लिए भी बिडेन अभियान ने पहल शुरू की है। इस पहल के तहत देश में सिखों पर हो रहे हमलों (जेनोफोबिया) समेत कई चुनौतियों को लेकर डेमोक्रेटिक समर्थकों ने संकल्प लिया है।
सिख-अमेरिकियों के लिए बिडेन पहल नाम से शुरू इस अभियान के तहत सिख युवाओं को देश में सुरक्षा देने की योजना है। बिडेन अभियान ने कहा कि सिख-अमेरिकियों को 2017 के बाद से कई बार बदमाशी का शिकार होना पड़ा है। उनके साथ नस्लवाद, सामूहिक भेदभाव जैसे कई मामले देखने में आए हैं। सिख-अमेरिकी नेतृत्व परिषद की सदस्य किरण कौर गिल ने आरोप लगाया कि ट्रंप ने न सिर्फ सिखों से होने वाले भेदभाव पर आंखें मूंद ली हैं बल्कि इसे प्रोत्साहित भी किया है। यह परिषद बिडेन के लिए सिखों की एक सलाहकार परिषद के रूप में काम कर रही है।
नागरिक अधिकार कार्यकर्ता वलेरी कौर और प्रसिद्ध वकील जपजी सिंह ने सिखों के साथ होने वाली भेदभाव की घटनाओं का जिक्र भी किया जिनमें सिखों को पगड़ी पहनने पर निशाना बनाया गया। वहीं, देश में 29 सितंबर की देर रात होने वाली प्रेसिडेंशियल डिबेट से पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन को लेकर कहा है कि वे इस बहस से पहले अपना ड्रग परीक्षण कराएं। उन्होंने कहा, मैं भी इसके लिए तैयार हूं।
बता दें कि ट्रंप कई बार बिडेन पर नशीली दवाएं लेने का आरोप लगाते हुए कह चुके हैं कि दिमागी रूप से वह राष्ट्रपति बनने योग्य नहीं हैं। ट्रंप ने कहा, बिडेन अक्सर नींद में ही रहते हैं।
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