नई दिल्ली: देश में एक बार फिर पोलिया का खतरा मंडराने लगा है. भारत को पोलियो मुक्त घोषित किए जाने के बाद सामने आए पोलियो वायरस के मामले ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है. पोलियो वायरस का नया वैरिएंट पश्चिम बंगाल के हावड़ा में मिला है.
यहां सामने आया पोलियो वायरस
हावड़ा में आखिरी बार 2011 में एक बच्चे के शरीर में पोलियो का पता चला था. इसके बाद 2014 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को पोलियो मुक्त देश घोषित कर दिया था. लेकिन आठ साल बाद स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई और कोलकाता में पोलियो वायरस का पता चला. स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक, मेटियाबुरुज इलाके में सीवेज के पानी में पोलियो के कीटाणु पाए गए हैं. जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग ने मेटियाबुरुज इलाके में निगरानी बढ़ा दी है. राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों और सरकारी अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया है.
10 साल बाद फिर बढ़ा पोलियो का खतरा
10 साल से अधिक समय के बाद स्वास्थ्य विभाग कोलकाता में पोलियो वायरस की खोज को काफी महत्व दे रहा है. यूनिसेफ के साथ संयुक्त प्रयासों में मेटियाबुरुज क्षेत्र में पोलियो वायरस का पता चला. इस तरह के सर्वेक्षण कभी-कभी कोलकाता के विभिन्न स्लम क्षेत्रों में किए जाते हैं.
इन बच्चों को लेकर प्रशासन अलर्ट
स्वास्थ्य विभाग इस बात पर जोर दे रहा है कि पोलियो वायरस का पता चलने के बाद मेटियाबुरुज क्षेत्र में कहीं भी सार्वजनिक शौचालय नहीं होना चाहिए. सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को भी कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले बच्चों पर विशेष नजर रखने का निर्देश दिया गया है. उन्हें ऐसे बच्चों के मल के नमूनों की जांच करने को भी कहा गया है. साथ ही टीकाकरण पर जोर दिया गया है. 2011 में, हावड़ा की एक 12 वर्षीय लड़की में पोलियो का पता चला था. 27 मार्च 2014 को भारत को पोलियो मुक्त देश के रूप में मान्यता दी गई थी.
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