दो बूंद जिंदगी की…3 दिन तक चलने वाले अभियान की शुरुआत पीसी सेठी अस्पताल से
3500 बूथ ….8000 कर्मचारी
इंदौर। हाल ही में जन्मे नवजात शिशुओं से लेकर पांच साल तक के बच्चों को पोलियो दवा पिलाने की शुरुआत आज सुबह पीसी सेठी अस्पताल से की गई। शुरुआत कलेक्टर मनीषसिंह ने बच्चे को खुराक पिलाकर की। यह अभियान तीन दिन तक चलेगा। पहले दिन बूथों पर दवा पिलाई जाएगी। इसके बाद 2 दिनों तक घर- घर जाकर दवा पिलाएंगे।
आज इंदौर सहित पूरे जिले में 3500 बूथों पर दवा पिलाई जाएगी। दवा पिलाने की जिम्मेदारी 8000 कर्मचारियों को दी गई है, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों सहित आंगनवाड़ी, आशा कार्यकर्ता, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ शामिल हैं।
पड़ोसी देशों के कारण पिलाना पड़ती है
पोलियो की दवा पिलाने का अभियान पहले सालभर में 2 बार चलाया जाता था, मगर अब सिर्फ 1 बार चलाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने भले ही साल 2014 में भारत देश को पोलियोमुक्त घोषित कर दिया हो, मगर पड़ोसी पाकिस्तान-अफगानिस्तान जैसे देश पोलियो से मुक्त नहीं हैं। हर साल इन देशों के कई नागरिकों का हमारे यहां आना-जाना लगा रहता है। इस वजह से सावधानी व सुरक्षा के हिसाब से हर साल हमारे यहां पोलियो की दवा पिलाने का अभियान चलाया जाता है।
क्या है पोलियो बीमारी
पोलियो एक संक्रामक रोग है, जो पोलियो वायरस से छोटे बच्चों में होता है। यह बीमारी बच्चे के किसी भी अंग को जिंदगीभर के लिए कमजोर कर देती है। पोलियो लाइलाज है, क्योंकि इसका लकवापन ठीक नहीं हो सकता। बचाव ही इस बीमारी का एकमात्र उपाय है। बच्चों में पोलियो का वायरस इसलिए तेजी से फैलता है, क्योंकि उनमें प्रतिरोधक क्षमता नहीं होती। इसी कारण यह बच्चों में होता है। ज्यादातर वायरसयुक्त भोजन का सेवन करने से यह रोग होता है। यह वायरस श्वास तंत्र से भी शरीर में प्रवेश कर रोग फैलाता है।
साल 2011 से पोलियो मुक्त है इंदौर
इंदौर जिले में 2011 से पोलियो से संबंधित एक भी नया मरीज सामने नहीं आया है। स्वास्थ्य मुख्य चिकित्सा अधिकारी बीएस सैत्या ने बताया कि इंदौर 2011 से पोलियोमुक्त हो चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को पोलियोमुक्त देश घोषित कर रखा है।
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