भोपाल: प्रदेश में अपनी मांगों को मनवाने के लिए विरोध प्रदर्शनों (protests) का दौर जारी है. विरोध प्रदर्शन की इसी श्रंखला में रविवार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारी (National Health Mission Staff) राजधानी भोपाल स्थित सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) को राखी बांधने पहुंचीं. विरोध करने वाली महिलाओं के हाथों में राखी, फूल माला और मिठाई थी, लेकिन पुलिस ने इन्हें रवीन्द्र भवन (Rabindra Bhavan) के पास ही रोक दिया. इससे नाराज होकर महिला कर्मचारी वहीं धरने पर बैठ गईं. विरोध कर रही महिला कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो वे कल सामूहिक रूप से मुंडन कराएंगी.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा आउट सोर्स संघ की प्रदेश अध्यक्ष कोमल सिंह ने बताया कि, ‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से हटाकर रोगी कल्याण समिति और आउटसोर्स किए गए सपोर्ट स्टॉफ कर्मचारियों एवं निष्कासित कर्मचारियों को विभाग में रिक्त पदों पर समयोजन किया जाए.’ उन्होंने आगे मांग करते हुए कहा कि या फिर दोबार इन्हें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में मर्ज किया जाए. इन मांगों को लेकर रविवार (27 अगस्त) को एनएचएम की महिला कर्मचारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने जा रही थी. यह महिलाएं अपने साथ राखी और मिठाई लेकर जा रही थी. जिससे सीएम शिवराज सिंह चौहान को राखी बांधकर अपनी मांगों के निराकरण का वचन ले सकें, लेकिन पुलिस ने इन महिलाओं को रवीन्द्र भवन के पास ही रोक दिया.
महिला कर्मचारियों की ये है प्रमुख मांगें: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा से हटाकर रोगी कल्याण समिति एवं आउटसोर्स किए गए सपोर्ट स्टॉफ कर्मचारियों को विभाग में रिक्त पदों पर नियमित किया जाए अथवा पुन: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में मर्ज किया जाए एवं अन्य कर्मचारियों की तरह समस्त लाभ दिया जाए. निष्कासित कर्मचारियों को पुन: सेवा में शत प्रतिशत वापस लिया जाए. विभाग में आउट सोर्स द्वारा भर्ती किए गए डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं सपोर्ट स्टाफ को एनएचएम में मर्ज किया जाए. स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्स प्रथा तत्काल समाप्त की जाए. महिलाओं ने सरकार को दी ये चेतावनी.
संघ की प्रदेश अध्यक्ष कोमल सिंह ने बताया कि यदि हमारी मांगे नहीं मानी जाती है, तो वे सामूहिक रूप से मुंडन कराएंगी और आमरण अनशन पर बैठने के लिए मजबूर होंगी. बता दें यदि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की महिला कर्मचारियों द्वारा लंबे समय से अपनी मागों के निराकरण के लिए प्रदेश सरकार से मांग की जा रही है.
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