इंदौर (Indore)। इस साल के सात माह में क्राइम ब्रांच ने साइबर ठगी का शिकार हुए एक हजार लोगों के दो करोड़ रुपए वापस करवाने में सफलता अर्जित की है, जो अब तक का रिकॉर्ड है। पिछले साल क्राइम ब्रांच ने इस अवधि में ठगी का शिकार हुए लोगों के एक करोड़ रुपए वापस करवाए थे।
साइबर ठगी पूरे देश के साथ इंदौर पुलिस के लिए भी बड़ी चुनौती बन गई है। इसके लिए पुलिस जहां लगातार जागरूकता अभियान चला रही है, वहीं पुलिस ने एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया हुआ है। समय रहते जो भी लोग पुलिस से संपर्क करते हैं, वह उनके पैसे वापस करवा देती है। इस साल के प्रथम सात माह में क्राइम ब्रांच ने ठगी के शिकार एक हजार लोगों के लगभग एक करोड़ 96 लाख रुपए वापस करवाने में सफलता अर्जित की है। इनमें पांच हजार से दो लाख रुपए की ठगी के शिकार लोग शामिल हैं। डीसीपी (क्राइम) निमिष अग्रवाल का कहना है कि जागरूकता से ही साइबर ठगी से बचा जा सकता है। ये ठग हर एक माह में ठगी का तरीका बदलते हैं और दूर किसी राज्य में बैठकर लोगों को शिकार बनाते हैं। कई मामलों में पुलिस आरोपियों को पकड़ लेती है, जबकि कई मामलों में दूसरे राज्यों में आरोपियों के होने से उन तक पहुंचना मुश्किल होता है।
रोजाना इंदौर में 30 से अधिक ठगी की शिकायतें
डीसीपी क्राइम का कहना है कि साइबर ठगी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। क्राइम ब्रांच के पास ठगी की रोजाना 30 से अधिक शिकायतें पहुंच रही हैं, जिसमें लोगों के साथ लाखों की ठगी हो रही है। वहीं सूत्रों का कहना है कि पुलिस केवल 10 प्रतिशत मामलों में ही पैसा वापस करवा पाती है। शहर में चोरी और लूट में हर साल जाने वाली राशि से यह कई गुना अधिक है।
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