भोपाल। कोरोना महामारी (Corona Epidemic) के इस दौर में मप्र पुलिस (Police) के अफसर और जवान जनता को सुरक्षित रखने के लिए फ्रंड लाइन (Front Line) पर खड़े हैं। इस कारण बड़ी संख्या में पुलिस के जवान और अफसर संक्रमित (Infected) हो रहे हैं। इसके बाद भी वैकसीन (Vaccin) लगवाने में ये कतरा रहे हैं। जबकि इनको संक्रमण (Infection) से बचाने के लिए पुलिस मुख्यालय (Police headquarters) लगातार दिशा निर्देश देता रहता है। बावजुद इसके मप्र पुलिस (MP Police) में अभी तक 15 प्रतिशत ने पहला और 32 प्रतिशत ने दूसरा डोज (Second Dose) नहीं लिया है। इस पर पीएचक्यू (PHQ) ने एक बार फिर से नाराजगी जताई है।
मप्र में लगातार फैल रहे कोरोना संक्रमण के बीच विषय परिस्थितियों में 24 घंटे ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के वैक्सीन (Vaccin) के प्रति उदासीनता पीएचक्यू (PHQ) के लिए चिंता का विषय बन गया है। पहला डोज जहां करीब 85 प्रतिशत ने लगाया था, तो दूसरा डोज अब तक सिर्फ 68 प्रतिशत ने ही लवाया है। इसके चलते पुलिस मुख्यालय (Police headquarters) ने सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर शत प्रतिशत वैक्सीन करवाने के निर्दश दिए हैं। आदेश में कहा गया है कि मप्र में भी कोविड-19 काफी तेजी से फैल रहा है। विभिन्न ईकाईयों में ड्यूटी के दौरान काफी संख्या में पुलिसकर्मियों में सक्रमण तेजी से फैल रहा है।
3 माह बाद भी 100 फीसदी वैक्सीनेशन नहीं
पुलिसकर्मियों को सुरक्षित रखने के लिए फरवरी में वैक्सीन लगाना शुरू हुआ था। करीब 3 महीने बीत जाने के बाद भी अब तक प्रदेश में पहला डोज 84.50 प्रतिशत पुलिसकर्मी और दूसरा डोज इनमें से सिर्फ 67.78 प्रतिशत पुलिसकर्मी ने लगवाया है। दूसरी लहर आ चुकी है। ऐसे में सभी जिलों को निर्देशित किया जाता है, कि वे शत प्रतिशत वैक्सीन सुनिश्चित करें। अकेले भोपाल में ही 350 से ज्यादा पुलिसकर्मी और अधिकारी अब तक कोरोना के संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से 5 से ज्यादा पुलिसकर्मी और अधिकारी अपनी जान गंवा चुके हैं। एक महीने के अंदर दो पुलिसकर्मियों की मौत के बाद पुलिस मुख्यालय ज्यादा चिंतित है। हालात यह हैं कि इसी सप्ताह भोपाल में शुरू किए पुलिस कोविड केयर सेंटर में ऑक्सीन सपोर्ट के 16 में से 12 बेड भर चुके हैं।
पुलिस का सुरक्षा कवच कमजोर
पुलिस जवानों के पास संसाधनों का अभाव नजर आ रहा है। पुलिस जवान भी डॉक्टर की तरह संक्रमित व संदिग्धों के बीच पहुंचकर सेवाएं दे रहे है। सुरक्षा कवच के नाम पर पुलिस जवानों के पास एक मास्क रहता है। अधिकांश पुलिस जवान एक मास्क का दिनभर लगाए देख जाते है। जबकि कुछ घंटों बाद बदलने भी जरूरी होता है। इसके अलावा पुलिस के जवानों के पास ग्लब्स नहीं है। इसके अलावा संक्रमण से सीधे बचाव करने वाली फेस सीट भी पुलिस के पास नहीं है। पुलिस को पीपीई किट दी गई है। यह पीपीई किट अति गंभीर परिस्थिति में पहनने के लिए निर्देशित है। क्योंकि पुलिस को दिनभर धूप में खड़े होकर काम करना होता है। ऐसे में पुलिस जवान हर वक्त पीपीई किट पहनने से कतराते हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved