भोपाल। लोकसभा चुनाव में कालेधन के लेनदेन मामले में आरोपी अफसरों को सरकार आरोप पत्र थमा चुकी है। सरकार को जवाब देने से पहले आरोपी अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसलों का हवाला देकर सरकार की कार्यवाही के खिलाफ कोर्ट जा सकते हैं। चुनाव आयोग की रिपोर्ट के आधार पर गृह विभाग 3 आईपीएस वी मधुकुमार, सुशोवन बनर्जी व संजय वी माने और राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी अस्र्ण मिश्रा को आरोप पत्र थमा चुकी है।
सीबीडीटी की रिपोर्ट के आधार पर इन अफसरों से लेनदेन को लेकर सवाल किए गए हैं। इससे पहले आरोपी अफसरों ने भी अपने बचाव में सरकार को पत्र लिखकर कहा था कि आयकर की अप्रेजल रिपोर्ट के आधार पर सरकार को कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है, क्योंकि अप्रेजल रिपोर्ट के आधार पर आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं किया जा सकता है। इसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला भी दिया गया था। इन अफसरों को आरोप पत्र देने में गृह विभाग ने डेढ़ माह का वक्त लगा दिया। दरअसल विभागीय कार्रवाई की फाइल एक माह से मुख्यमंत्री कार्यालय में अटकी हुई थी। इसके चलते गृह विभाग इन अफसरों को आरोप पत्र जारी नहीं कर पा रहा था। सूत्रों ने बताया कि इस मामले में केंद्र सरकार ने 8 जनवरी को तीनों आईपीएस अफसरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की अनुमति राज्य सरकार को दे दी थी। इससे पहले चुनाव आयोग ने सरकार से सीबीडीटी की रिपोर्ट पर एक्शन लेने के निर्देश दिए थे। ईओडब्ल्यू ने 2 जनवरी को इसकी प्राथमिकी दर्ज कर ली थी।
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